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Samastipur Sadar Hospital : समस्तीपुर सदर अस्पताल में 80 लाख रुपए की लागत से बना ऑक्सीजन प्लांट 15 माह से बंद.

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By Samastipur Today Desk
Samastipur Sadar Hospital : समस्तीपुर सदर अस्पताल में 80 लाख रुपए की लागत से बना ऑक्सीजन प्लांट 15 माह से बंद.

 

 

समस्तीपुर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार ने पीएसए ऑक्सीजन प्लांट को चालू कराने के लिए लगातार विभाग के साथ पत्राचार किया है, फिर भी ऑक्सीजन प्लांट अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। डीजी जनरेटर सेट स्थापित होने के बावजूद ऑक्सीजन प्लांट के सुचारू रूप से न चलने पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को समस्या के संबंध में पत्र द्वारा जानकारी दी थी।

   

अपने पत्र में, डॉ. गिरीश कुमार ने बताया कि प्लांट का एयर ड्रायर, पीएसए जेनरेशन मशीन और ड्रेन मशीन ठीक से चल रहे हैं, लेकिन एयर कंप्रेसर मशीन लोड न उठा पाने के कारण काम नहीं कर रही है। उन्होंने एयर कंप्रेसर मशीन की जांच की मांग स्वास्थ्य विभाग से की थी। प्लांट के लिए 250 केवीए का डीजी जनरेटर सेट लगाया गया था, फिर भी ऑक्सीजन प्लांट चालू नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि डीजी जनरेटर सेट के इंस्टॉलेशन के बाद प्लांट का कंप्रेसर मशीन लोड नहीं उठा पा रहा है और प्योरिटी मशीन का सेंसर भी ठीक से काम नहीं कर रहा है। सेंसर के ठीक होने या उसके बदलने के बाद ही ऑक्सीजन की शुद्धता सही हो सकेगी। इस संदर्भ में प्लांट के तकनीशियन ऑपरेटर, रोहित कुमार ने बताया कि अगर सेंसर बदलने के बाद भी शुद्धता सही नहीं होती है, तो ऑक्सीजन जेनरेशन मशीन के चार टैंकों में मॉलेक्युलर सीव डालना पड़ेगा, जिससे टैक्स सहित 23 लाख 60 हजार रुपये का खर्च आएगा।

कोरोना काल के दौरान जरूरतमंद मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए पीएम केयर्स फंड से 2021 में लगभग 80 लाख रुपये की लागत से 500 लीटर प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाला पीएसए ऑक्सीजन प्लांट सदर अस्पताल में स्थापित किया गया था। लेकिन कंपनी से रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने के कारण अप्रैल 2023 से पीएसए ऑक्सीजन प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। इस कारण सदर अस्पताल के ओटी, इमरजेंसी वार्ड, सर्जिकल और मेडिकल वार्ड में लगभग 15 महीनों से ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ऑक्सीजन की कमी के कारण सदर अस्पताल को बाजार से ऑक्सीजन सिलेंडरों की खरीद करनी पड़ रही है और छोटी जरूरतों के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। पीएसए (प्रेशर स्विंग एबसॉर्प्शन) तकनीक पर बने इस प्लांट का जीवनकाल 10 साल होता है, लेकिन पिछले 15 महीनों से यह खराब होकर बंद पड़ा हुआ है। इसके उपयोग न होने के कारण जल्द ही इसके कबाड़ में तब्दील हो जाने की आशंका है।

ऑक्सीजन प्लांट के लिए लगाया गया डीजी जनरेटर सेट से एयर कंप्रेसर मशीन लोड नहीं ले पा रही है। इसके अलावा प्लांट में और भी कई तकनीकी समस्याएं हैं। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को पत्र द्वारा सूचित किया गया है। – डॉ. गिरीश कुमार, डीएस, सदर अस्पताल.

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