Bihar Elections 2025 : आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं होगा। आने वाले कुछ महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं और देखना यह है कि अरविंद केजरीवाल के चुनावी मैदान में उतरने से विपक्ष को नुकसान होगा या नहीं?

केजरीवाल ने यह भी घोषणा की कि आम आदमी पार्टी पंजाब और गुजरात में चुनाव लड़ेगी और सरकार बनाएगी। हाल ही में गुजरात की विसावदर सीट और पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर हुए उपचुनाव में आप को जीत मिली है।

बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं, जबकि सत्तारूढ़ एनडीए में जदयू, भाजपा, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।

ओवैसी ने दिया था महागठबंधन को ऑफर:

हाल ही में हैदराबाद के सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ANI से बातचीत में कहा था कि उनकी पार्टी बिहार में भी महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार है। ओवैसी ने कहा था कि AIMIM ने इस संबंध में महागठबंधन के नेताओं से संपर्क किया है। ओवैसी ने कहा था, ‘हम सीमांचल और सीमांचल के बाहर भी चुनाव लड़ेंगे… अगर वे गठबंधन के लिए तैयार नहीं हैं, तो मैं हर जगह चुनाव लड़ने को तैयार हूं..’

बिहार में इस बात को लेकर भी बवाल मचा हुआ है कि चुनाव आयोग वोटर लिस्ट का सत्यापन क्यों करवा रहा है? इसे लेकर विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने बुधवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की। विपक्ष का कहना है कि यह गरीबों, दलितों, आदिवासियों और ओबीसी समुदाय को वोट डालने से वंचित करने की साजिश है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार AAP के लिए बड़ा झटका थी। अरविंद केजरीवाल ही नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज जैसे बड़े चेहरे चुनाव हार गए थे, लेकिन अब गुजरात और पंजाब में एक-एक सीट जीतने के बाद AAP फिर से खुद को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। यह तो तय है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच बहुत ही कांटे की टक्कर है। चुनाव में एक-एक वोट के लिए घमासान मचना तय है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल की एंट्री से चुनावी समीकरणों पर कोई असर पड़ता है या नहीं।

