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Bihar Teacher News : बिहार में शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब छुट्टी के लिए नहीं करना होगा इंतजार.

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By Samastipur Today Desk

 


 

Bihar Teacher News : बिहार में शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब छुट्टी के लिए नहीं करना होगा इंतजार.

 

Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने शिक्षकों के अवकाश के नियमों में सुधार करते हुए निर्णय लिया है कि अब शिक्षक द्वारा एक दिन के लिए आवेदन करने पर आकस्मिक अवकाश (सीएल) अवकाश तत्काल स्वीकृत हो जाएगा। इससे छोटे-मोटे और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अवकाश लेना आसान हो जाएगा और शिक्षक बिना किसी बाधा के आराम कर सकेंगे।

 

अन्य प्रकार के अवकाश के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को अधिकतम सात दिनों के भीतर अवकाश स्वीकृत करने का निर्देश दिया गया है। यदि सात दिनों के भीतर अवकाश स्वीकृत नहीं होता है तो उस पर स्वतः विचार किया जाएगा। इससे अवकाश स्वीकृत होने में होने वाली देरी समाप्त होगी और शिक्षकों को अपने अवकाश के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

अब अवकाश के लिए आवेदन ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर पूरी तरह से ऑनलाइन किए जाएंगे। इससे आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और कागजी कार्रवाई भी कम होगी। ऑनलाइन आवेदन से अवकाश का रिकॉर्ड रखना भी आसान होगा और विभागीय अधिकारियों द्वारा निगरानी करना भी संभव होगा।

नई गाइडलाइन के तहत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारियों का वेतन शिक्षकों को वेतन मिलने के बाद ही जारी होगा। इस कदम से वेतन भुगतान प्रक्रिया में जवाबदेही आएगी और भ्रष्टाचार की संभावना कम होगी। इससे शिक्षा विभाग में वित्तीय व्यवस्था मजबूत होगी।

अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने शिक्षकों से अपील की है कि वे अपने कर्तव्यों को बोझ न समझें। नई अवकाश नीति का उद्देश्य शिक्षकों को तनाव मुक्त रखना और उनके मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना है, ताकि वे बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षा प्रदान कर सकें। शिक्षकों की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शिक्षा विभाग ने बताया है कि अगले सप्ताह तक सभी स्कूलों और शिक्षा विभाग स्तर पर यह नई अवकाश नीति प्रभावी रूप से लागू हो जाएगी। इसके बाद शिक्षक बिना किसी बाधा के अवकाश ले सकेंगे और विभाग भी बेहतर ढंग से काम कर सकेगा।

शिक्षक संघ और कई अधिकारियों ने इस नए नियम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे अवकाश के आवेदन और स्वीकृति की प्रक्रिया सरल होगी और शिक्षकों को अपनी निजी जरूरतों के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और वे अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर ढंग से निर्वहन कर सकेंगे।