समस्तीपुर जिले के टभका गांव निवासी और लोजपा(रा.) नेता राजीव रंजन को विधाननगर पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। वह विभूतिपुर विधानसभा सीट से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। उन पर कोलकाता के रिटायर्ड जज इंद्रजीत चटर्जी से 4.49 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। गिरफ्तारी सॉल्ट लेक इलाके से हुई और पूछताछ के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।

राजीव रंजन की कंपनी कोलकाता के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में बिल्डिंग निर्माण का काम करती है। रिटायर्ड जज ने 7 सितंबर को विधानगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें इस ठगी का आरोप लगाया गया था।

2020 में भी लड़ चुके हैं चुनाव
राजीव रंजन ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के टिकट पर 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विभूतिपुर सीट से चुनाव लड़ा था। इस बार भी वे चुनाव लड़ने की तैयारी में थे और बेल की प्रक्रिया के लिए कोलकाता पहुंचे थे। लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।


स्थानीय पुलिस को नहीं है जानकारी
स्थानीय थाने की पुलिस ने राजीव रंजन की गिरफ्तारी की जानकारी से इनकार किया है। फिलहाल कोलकाता पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं भेजी गई है। हालांकि परिवार और नजदीकी लोगों ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।



