बिहार में जीविका समूहों का अपना सहकारी बैंक होगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में 69 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गयी।

बैठक के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि जीविका दीदियों को उद्योग अथवा व्यवसाय शुरू करने के लिए अब आसानी से कम ब्याज पर तत्काल पूंजी उपलब्ध हो सकेगी।

इसके लिए बिहार सरकार ने ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ (जीविका निधि) के गठन का निर्णय किया है। इसके माध्यम से राज्य की एक करोड़ 35 लाख जीविका दीदियों तथा उनके समूहों को पूंजी उपलब्ध होगा। इससे बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थाओं पर उनकी निर्भरता भी खत्म होगी।

इस जीविका निधि में राज्य सरकार तत्काल एक हजार करोड़ देगी, जिनमें पांच सौ करोड़ अनुदान के रूप में होगा। वहीं, भारत सरकार एनआरएलएम के तहत सौ करोड़ देगी। साथ ही जीविका समूहों का शेयर भी इसमें जमा होगा।


ग्रामीण विकास विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि बैंकों से जीविका दीदियों को लोन लेने पर कई बार देर होती थी। जीविका निधि का गठन होने से अब ऐसा नहीं होगा।


