बिहार के 65.2 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हट जाएंगे। चुनाव आयोग के अनुसार 24 जून 2025 से शुक्रवार तक स्थानीय बीएलओ बीएलए द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार, करीब 22 लाख मृतकों के नाम सूचीबद्ध किए गए हैं। वहीं, करीब 7 लाख ऐसे मतदाता हैं जिनका नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज है। लगभग 35 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से पलायन कर चुके हैं या उनका पता नहीं चल सका है। साथ ही, लगभग 1.2 लाख मतदाताओं के गणना फॉर्म अभी प्राप्त नहीं हुए हैं।

आयोग के निर्देश पर राज्य में चलाए गए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत 7.23 करोड़ मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म जमा किए। इन सभी मतदाता से प्राप्त गणना फॉर्म को ईसीआई नेट पर अपलोड भी कर दिया गया है। 24 जून 2025 को चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार शनिवार को गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि है।

1.2 लाख गणना फॉर्म जमा नहीं: अबतक 1.2 लाख वितरित किए गए गणना फॉर्म भर कर जमा नहीं कराए गए हैं। शुक्रवार को चुनाव आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि 99.8 प्रतिशत मतदाताओं को एसआईआर के तहत कवर किया गया है। मालूम हो कि, बिहार में 24 जून से शुरू एसआईआर तक कुल 7.89 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे।


एसआईआर आदेश के अनुसार, 1 अगस्त से 1 सितंबर तक कोई भी मतदाता या राजनीतिक दल निर्धारित फॉर्म भरकर किसी भी छूटे हुए योग्य मतदाता के नाम को जोड़ने अथवा किसी अपात्र मतदाता का नाम हटाने हेतु दावा या आपत्ति, संबंधित निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को दे सकता है। ें एसआईआर के दौरान मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए बूथ लेवल एजेंटस (बीएलए) की संख्या में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। एसआईआर शुरू होने के एक दिन पहले 23 जून 2025 तक राजनीतिक दलों के कुल 1,38,680 बीएलए नियुक्त थे।



