समस्तीपुर नगर निगम में विकास कार्यों के ठप रहने से नाराज 42 वार्ड पार्षदों ने मंगलवार को नगर निगम कार्यालय में तालाबंदी कर दी। पार्षदों ने छह सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना दिया और मेयर एवं डिप्टी मेयर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

वार्ड पार्षदों का कहना था कि चुनाव जीतने के ढाई साल से अधिक वक्त बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ है। वार्ड 24 के पार्षद कमलेश कुमार ने बताया कि नगर निगम के अधिकांश वार्डों में पेयजल व्यवस्था बदहाल है। कई जगह पाइप लाइन फटी हुई है तो कहीं मोटर खराब पड़ी है, लेकिन मरम्मत तक नहीं हो रही।

निगम में शामिल पंचायतें भी बदहाल
पार्षदों ने कहा कि नगर निगम में शामिल की गईं 16 पंचायतों में तो स्थिति और बदतर है। इन इलाकों में न तो स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था है और न ही सड़कों का निर्माण हो पा रहा है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि जनता नाराज है और अब पार्षदों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।

मेयर भी धरना पर बैठीं
धरना स्थल पर जब मेयर अनीता राम पहुंचीं तो पार्षदों का गुस्सा और बढ़ गया। विरोध के बीच मेयर भी पार्षदों के समर्थन में धरने पर बैठ गईं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह आंदोलन नगर निगम की बदहाल व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि पूर्व नगर आयुक्त के कार्यकाल में विभागीय काम ठप कर दिए गए थे, उसी का नतीजा यह विरोध है।

मेयर अनीता राम ने पार्षदों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही नगर आयुक्त को बुलाकर सभी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। धरना में शामिल पार्षदों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही काम शुरू नहीं हुआ तो आंदोलन और उग्र होगा।

धरना में मुख्य मांगें
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पेयजल पाइपलाइन की मरम्मत और मोटर बदलना
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स्ट्रीट लाइट व्यवस्था दुरुस्त करना
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सड़कों का निर्माण कार्य शुरू कराना
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नए जोड़े गए पंचायत इलाकों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना
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लंबित विभागीय कामों को जल्द शुरू करना
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पार्षदों की नियमित बैठक और सुनवाई सुनिश्चित करना
नगर निगम कार्यालय में पूरे दिन हंगामा और नारेबाजी का माहौल बना रहा।

