Bihar News: भागलपुर शहर को रोजाना लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से ठोस कदम उठाया गया है. इस कड़ी में बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) भागलपुर सिटी समेत राज्य के 10 शहरों में ट्रैफिक सर्वे शुरू करेगा. इस सर्वे में यह पता किया जायेगा कि ट्रैफिक जाम की असली वजह क्या है और उसे कैसे दूर किया जाए.

कंसल्टेंट एजेंसी को सौंपा जायेगा जिम्मा
इसका जिम्मा कंसल्टेंट एजेंसी को सौंपा जायेगा और यह कंपनी 18 महीने के अंदर विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट जमा देगी. यानी, कंसल्टिंग सर्विसेज सेवाएं एक कंसल्टेंट फर्म द्वारा कार्यान्वित होगी. जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में यह देखा जायेगा कि भागलपुर जिले के किन इलाकों में सड़कों की चौड़ाई कम है.

कहां जंक्शन सुधार की जरूरत है और किन रूटों पर बायपास या फ्लाइओवर बनाया जा सकता है. इसके अलावा गाड़ी पार्किंग, पैदल यात्रियों की सुविधा, ऑटो-रिक्शा स्टैंड, बस डिपो और हरित व सुरक्षित आवागमन को लेकर भी सुझाव की मांग की गई है. इसे शहरी यातायात को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

भागलपुर के इन इलाकों को प्राथमिकता
इस सर्वे में स्टेशन चौक, कचहरी चौक, डिक्सन मोड़, तिलकामांझी, खलीफाबाग, घंटाघर, जीरोमाइल, गुड़हट्टा चौक, आदमपुर चौक, बरारी और नाथनगर जैसे इलाकों को प्राथमिकता में रखा गया है. इसकी वजह है कि यहां हर दिन घंटों जाम लगता है. विकास निगम का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी, तो इन इलाकों के लिए ई-रिक्शा और ई-व्हीकल की विशेष व्यवस्था का सुझाव भी शामिल होगा.

अगले माह चयनित होगी एजेंसी
कंसल्टिंग सर्विसेज के लिए बीएसआरडीसीएल ने 2.50 मिलियन डॉलर का बजट निर्धारित किया है. साथ ही राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से रुचि की अभिव्यक्ति (इओआइ) मांगी है. बीएसआरडीसीएल, पटना के चीफ जनरल मैनेजर की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार अगस्त 2025 तक एजेंसी का चयन कर लिया जायेगा. इसके बाद काम शुरू कर दिया जायेगा.

कंसल्टेंट एजेंसी की बहाली की प्रक्रिया शुरू
वहीं कंसल्टेंट एजेंसी की बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. यानी, रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) केवल ऑनलाइन 26 अगस्त तक ली जायेगी. बीएसआरडीसीएल ने साफ किया है कि ऑफलाइन माध्यम या हार्डकॉपी में जमा किये गये आवेदन स्वीकार नहीं होंगे. ईओआई जमा करने की इच्छुक फर्म को सीएमएस में पंजीकृत होना जरूरी है. वहीं, किसी भी प्रस्तावित एसोसिएट फर्म, सब-कंसल्टेट या ज्वाइंट वेंचर पार्टनर को भी कंसल्टेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) में रजिस्टर्ड होना भी जरूरी किया गया है.

इन जिलों में भी सर्वे
पूर्णिया, आरा, छपरा, दरभंगा, गया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पटना व उसका समूह व वैशाली

