राज्य के पारंपरिक विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में शैक्षणिक व प्रशासनिक ऑडिट होगी। इसके तहत अध्ययन-अध्यापन की वर्तमान स्थिति तथा विश्वविद्यालयों-कॉलेजों के कामकाज के तरीके का भी आकलन किया जाएगा।

आधारभूत संरचना की स्थिति भी देखी जाएगी। पढ़ाई का तरीका, शोध की स्थिति, शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति की भी जांच होगी। शिक्षा विभाग के अधीन कार्यरत राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद इस ऑडिट के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर रही है। जल्द ही इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों को विस्तृत पत्र जारी किया जाएगा।

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की प्रयोगशालाओं में उपकरण और कर्मियों की स्थिति का भी आकलन होगा। खास कर लैब टेक्नीशियन, अनुदेशक और सहायक की स्थिति की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। शैक्षणिक गतिविधियों की जांच के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों का पैनल बनेगा।

इसमें विज्ञान, कला और कॉमर्स समेत विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। इस पैनल से ही नामित विशेषज्ञ विश्वविद्यालय और कॉलेज जाकर स्थिति की जांच करेंगे। प्रशासनिक स्थिति को जांचने के लिए विभागीय अधिकारियों की टीम भी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में जाएगी। शैक्षणिक ऑडिट के दौरान विशेषज्ञों की टीम छात्र-छात्राओं से भी फीडबैक लेगी। विषय से संबंधित प्रश्न भी विशेषज्ञ पूछ सकते हैं। ऑडिट रिपोर्ट में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शैक्षणिक माहौल की भी चर्चा होगी।

ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर शैक्षणिक माहौल को खराब करने वाले अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की भी अनुशंसा की जाएगी। साथ ही, पढ़ाई के स्तर को लेकर नामित कमेटी विद्यार्थियों की राय भी जानेगी।


सभी विवि और कॉलेजों की अलग-अलग रिपोर्ट
सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की अलग-अलग शैक्षणिक ऑडिट रिपोर्ट बनेगी। इसके आधार पर शैक्षणिक सुधार को लेकर समेकित कार्ययोजना बनाकर उसे लागू की जाएगी। साथ ही बेहतर पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित करने की भी योजना बनेगी।

