Bihar Politics : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब जोर पकड़ने लगी हैं। चुनावी मौसम से पहले ही प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में यात्राओं का दौर शुरू हो गया है। जहां एक ओर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कार्यकर्ता सम्मेलन के बहाने अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बिहार के दौरे पर हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी ‘आधी आबादी’ यानी महिलाओं को साधने की रणनीति के तहत अपनी बड़ी यात्रा का ऐलान कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस यात्रा का नाम ‘महिला संवाद यात्रा’ से बदलकर ‘प्रगति यात्रा’ कर दिया गया है। अब यह यात्रा 23 दिसंबर से शुरू होगी, जो पहले 15 दिसंबर से शुरू होने वाली थी। यात्रा के पहले चरण में नीतीश कुमार बिहार के छह जिलों का दौरा करेंगे और विशेष रूप से महिलाओं के बीच संवाद स्थापित करेंगे।
23 दिसंबर से शुरू होगी प्रगति यात्रा :
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा 23 दिसंबर से शुरू होकर 28 दिसंबर तक जारी रहेगी। इसके तहत मुख्यमंत्री का कार्यक्रम इस प्रकार तय किया गया है:
- 24 दिसंबर: पूर्वी चंपारण का दौरा.
- 26 दिसंबर: शिवहर और सीतामढ़ी जिले में संवाद.
- 27 दिसंबर: मुजफ्फरपुर जिले का दौरा.
- 28 दिसंबर: वैशाली जिले में महिलाओं के साथ बातचीत.
मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान जिलों में विकास कार्यों की समीक्षा भी करेंगे। इन समीक्षात्मक बैठकों में संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री, जिला अधिकारी, अन्य सरकारी अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल होंगे।
आधी आबादी को साधने की कवायद :
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह दौरा महिलाओं को साधने की एक बड़ी राजनीतिक कोशिश मानी जा रही है। बिहार की राजनीति में महिलाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है और नीतीश कुमार के शासनकाल में महिला वोटरों का झुकाव उनके पक्ष में देखा गया है।
नीतीश कुमार इस यात्रा के दौरान महिलाओं को अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देंगे और उन्हें यह भरोसा दिलाने की कोशिश करेंगे कि सरकार उनके हितों के लिए निरंतर काम कर रही है।
बता दें कि बिहार में महिलाओं के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन हुआ है, जैसे:
- महिला आरक्षण: पंचायतों और स्थानीय निकायों में 50% आरक्षण।
- साइकिल योजना: लड़कियों को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना।
- कन्या उत्थान योजना: बेटियों के जन्म से लेकर शिक्षा तक की आर्थिक सहायता।
इस तरह की योजनाओं के बल पर नीतीश कुमार ने बिहार की महिला मतदाताओं के बीच एक मजबूत आधार तैयार किया है। प्रगति यात्रा के जरिए वह इस समर्थन को और अधिक मजबूत करने की कोशिश करेंगे।
विकास योजनाओं की समीक्षा :
नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा केवल संवाद तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री हर जिले में विकास योजनाओं की समीक्षा करेंगे और अधिकारियों को जनता के हितों से जुड़ी योजनाओं को सही ढंग से लागू करने का निर्देश भी देंगे। जिलों में होने वाली बैठकों में स्थानीय सांसद, विधायक और पार्षदों को भी भाग लेने का निर्देश है।
महिला वोटर है बिहार की राजनीति की धुरी :
बिहार की राजनीति में महिलाओं का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है। पिछले चुनावों में देखा गया कि महिला मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान कर नीतीश कुमार की जीत में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री की यह यात्रा महिलाओं के बीच उनके जनाधार को और मजबूत करने का प्रयास है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार की आधी आबादी, यानी महिलाएं, अब राजनीतिक रूप से जागरूक हो चुकी हैं और किसी भी सरकार को सत्ता तक पहुंचाने में निर्णायक भूमिका निभा सकती हैं।