Samastipur News : बिहार सरकार ने नगर निगम को विस्तारित क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने का अधिकार दे दिया है। इसके साथ ही नगर निगम के विस्तारित क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने का रास्ता साफ हो गया है। इन क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए निगम ने एक साल पहले सर्वे कराया था। लेकिन, विभाग द्वारा रोक लगाए जाने के बाद यह फाइल धूल फांक रही थी। हालांकि, अब रोक हटने के बाद इन विस्तारित क्षेत्रों की सड़कें भी रोशन होंगी। बताया गया है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 15 दिनों के अंदर इन नए वार्डों में स्ट्रीट लाइट लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। विभाग ने इस संबंध में सभी नगर निकायों को पत्र लिखा है। विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नगर निगम की ओर से एक कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में उप नगर आयुक्त, नगर प्रबंधक, सहायक लोक स्वच्छता पदाधिकारी, अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी, ऊर्जा विभाग के अभियंता, कनीय अभियंता और संबंधित वार्ड के पार्षद शामिल होंगे। कमेटी सर्वे कर जरूरत के हिसाब से स्ट्रीट लाइट लगाने की संख्या तय करेगी। इसके साथ ही पुरानी स्ट्रीट लाइटों के रख-रखाव का जिम्मा भी नगर निगम को सौंपा गया है।
बता दें कि नगर विकास विभाग ने राज्य के नगर निकायों में नई स्ट्रीट लाइट लगाने और उनके रख-रखाव पर रोक लगा दी थी। जिसे हाईकोर्ट के आदेश पर हटा दिया गया है। हाईकोर्ट द्वारा रोक हटाए जाने के बाद नगर विकास विभाग ने राज्य के नगर निगमों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। जिसमें नई स्ट्रीट लाइट लगाने और उनका रख-रखाव करने के निर्देश दिए गए हैं।
स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए दिशा-निर्देश :
• नई लाइटें पहले से लगे बिजली के खंभों पर ही लगाई जाएंगी।
• सभी वार्डों की अनुशंसा मिलने के बाद कमेटी स्ट्रीट लाइट लगाने से संबंधित लागत का आकलन करेगी।
• इसके बाद स्थायी समिति और निगम बोर्ड से प्रस्ताव पारित कराया जाएगा।
• इसके बाद टेंडर जारी किया जाएगा।
• चयनित एजेंसी ही स्ट्रीट लाइट लगाएगी और अगले 5 साल तक उनका रख-रखाव करेगी।
• रखरखाव ठीक से न किए जाने पर एजेंसी की सुरक्षा राशि जब्त कर ली जाएगी।