मानसून की पहली बारिश ने ही सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। अस्पताल में आने वाले मरीज निरोगी होने की बजाय गंभीर बीमारियां और संक्रमण लेकर जा सकते हैं। अस्पताल के विभिन्न स्थानों पर खुले में मेडिकल वेस्टेज पड़ा हुआ है, जिससे बारिश के बाद जलजमाव के कारण संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। बारिश के बाद सदर अस्पताल में जगह-जगह पानी भर जाता है, जिससे अस्पताल की सेवाएं प्रभावित होती हैं और मरीजों व उनके परिजनों को भारी परेशानी होती है।
शनिवार को इमरजेंसी वार्ड, महिला प्रसव वार्ड, नशा मुक्ति वार्ड, दवा काउंटर और ओपीडी के सामने बरसात का पानी भरा हुआ था। अस्पताल के अंदर हर जगह पानी ही पानी नजर आ रहा था।
एमसीएच और मॉडल अस्पताल के निर्माण कार्य के चलते जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। खुले में पड़े मेडिकल वेस्टेज की जांच की जाएगी, ऐसा आश्वासन डॉ. गिरीश कुमार, डीएस ने दिया है।
मेडिकल वेस्टेज में खतरनाक रसायन, बायोलॉजिकल पदार्थ और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं, जो पानी में मिलकर विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों को फैलाते हैं। अस्पताल में आने-जाने वाले मरीजों को भी इसके संपर्क में आने से गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और यह संक्रमण अन्य लोगों में फैल सकता है। जलजमाव के कारण स्वास्थ्य कर्मियों को भी अपने कार्यक्षेत्र में आने-जाने में कठिनाई होती है, जिससे इलाज की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और मरीजों व उनके परिजनों को कठिनाई होती है।
इस स्थिति को देखते हुए, अस्पताल प्रबंधन को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और अस्पताल की सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहें।