समस्तीपुर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत चिंताजनक होती जा रही है।

एक ओर जहां दर्जनों अवैध नर्सिंग होम और क्लीनिक बिना किसी लाइसेंस के खुलेआम संचालित हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इनकी लापरवाही की कीमत आम लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।

प्रशासन की अनदेखी और नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते ये संस्थान अब मौत का सौदा करने लगे हैं।


सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समस्तीपुर जिले में केवल 105 निजी अस्पताल और नर्सिंग होम ही पंजीकृत हैं। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।

जिले में 400 से अधिक अवैध क्लीनिक, पैथोलॉजी, लैब और नर्सिंग होम बिना किसी वैध अनुमति के चल रहे हैं। ये स्थान स्वास्थ्य सेवा के नाम पर लापरवाही और अनियमितता का अड्डा बन चुके हैं।
इन अवैध संस्थानों की सबसे बड़ी समस्या है—अनुभवी डॉक्टरों की अनुपस्थिति। कई जगहों पर केवल एक हॉल या कमरे में बोर्ड लगाकर इलाज किया जा रहा है, जहां इलाज कंपाउंडर या अप्रशिक्षित लोग कर रहे हैं।
हाल ही में मुसरीघरारी थाना क्षेत्र में एक ऐसा ही दर्दनाक मामला सामने आया, जहां डॉक्टर की गैरमौजूदगी में एक कंपाउंडर ने महिला की सर्जरी कर दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
