Samastipur DM : समस्तीपुर में संविदा पर नियोजन का गलत प्रस्ताव का मामला.

समस्तीपुर के डीएम योगेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च वरीय लिपिक अभिषेक कुमार को शो-कॉज नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में उन पर सेवानिवृत्ति सरकारी कर्मचारियों को संविदा पर पुनः नियोजन करने और संविदा विस्तार का गलत प्रस्ताव तैयार करने का आरोप है। डीएम द्वारा भेजे गए पत्र के आधार पर सिविल सर्जन ने आदेश जारी किया और 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

   

क्या है मामला?

पिछले वर्ष, उच्च वरीय लिपिक अभिषेक कुमार ने रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी रामनंदन रजक और रमेश प्रसाद, जो पूर्व से संविदा लिपिक के रूप में कार्यरत थे, उनके सेवा विस्तार के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसके साथ ही, जनार्दन प्रसाद सिंह, फार्मासिस्ट; किरण कुमारी, एएनएम; चंदा कुमारी, एएनएम; और इंद्रासन कुमारी, एएनएम के संविदा नियोजन के लिए भी अनुशंसा की गई थी।

शिकायत और जांच:

   

बिहार राज्य राजपत्रित कर्मचारी गोप‌ गुट के नेता अजय कुमार की शिकायत के बाद डीएम ने मामले की जांच शुरू की। जांच में अनियमितताएँ सामने आने के बाद संविदा पर बहाल रामनंदन रजक और रमेश प्रसाद की सेवा तत्काल समाप्त कर दी गई और अन्य कर्मचारियों के संविदा बहाली के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया।

डीएम का आदेश:

जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि संविदा पर बहाली और सेवा विस्तार के प्रस्ताव उच्च वरीय लिपिक द्वारा तैयार किए गए थे। इस पर कार्रवाई करते हुए डीएम ने अब उच्च वरीय लिपिक से जवाब तलब किया है और मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।

इस मामले ने सरकारी कार्यालयों में संविदा बहाली की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीएम द्वारा की गई कार्रवाई से उम्मीद की जा रही है कि सरकारी प्रक्रियाओं में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

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