गर्मियों की शुरुआत के साथ ही अब रसोई का बजट भी गर्म होने लगा है। बिहार और झारखंड के उपभोक्ताओं को अब सुधा दूध के लिए अधिक पैसे चुकाने होंगे। दूध की नई दरें गुरुवार से लागू हो रही हैं, जिससे रोज दूध लेने वालों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा।

बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन (COMFED) ने बुधवार को सुधा दूध की कीमतों में बदलाव का आदेश जारी कर दिया। नए रेट्स के अनुसार फुल क्रीम ‘गोल्ड’ दूध की कीमत अब 65 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जो पहले 62 रुपये थी। आधा लीटर के पैक पर एक रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह ‘शक्ति’ दूध की कीमत 55 रुपये से बढ़कर 57 रुपये प्रति लीटर और गाय के दूध की कीमत 52 से बढ़कर 54 रुपये कर दी गई है।

टोंड और डबल टोंड दूध के साथ-साथ डिलाइट और चाय स्पेशल वेरिएंट की कीमतों में भी 2 से 3 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। नीचे दी गई तालिका में नए और पुराने रेट्स की तुलना की गई है:

दूध का प्रकार | पुरानी कीमत (1 लीटर) | नई कीमत (1 लीटर) |
---|---|---|
गोल्ड | ₹62 | ₹65 |
शक्ति | ₹55 | ₹57 |
गाय दूध | ₹52 | ₹54 |
टोंड दूध | ₹49 | ₹52 |
चाय स्पेशल | ₹48 | ₹50 |
डबल टोंड | ₹45 | ₹48 |
डिलाइट | ₹60 | ₹62 |
कॉम्फेड अधिकारियों के अनुसार यह मूल्यवृद्धि अनिवार्य थी क्योंकि पिछले कुछ महीनों में पशु चारे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी। इसके कारण दुग्ध उत्पादक किसान दूध की खरीद दर बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अब किसानों को प्रति लीटर दूध पर थोड़ा अधिक मूल्य मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि बीते तीन वर्षों में दूध के रेट में कुल मिलाकर 12 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।

इस वृद्धि का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है। यदि कोई उपभोक्ता प्रतिदिन एक लीटर दूध लेता है, तो उसे महीने में 60 से 90 रुपये तक अधिक खर्च करने होंगे। वहीं, दो लीटर प्रतिदिन दूध लेने वाले परिवारों का मासिक खर्च 120 से 180 रुपये तक बढ़ जाएगा। आधा लीटर पर एक रुपये की वृद्धि से महीने में 30 रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे।

फिलहाल सुधा के अन्य उत्पाद जैसे घी, दही, लस्सी, पेड़ा आदि की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं, लेकिन जानकारों का मानना है कि यदि इनपुट लागत में वृद्धि जारी रही तो निकट भविष्य में इन उत्पादों की दरों में भी बदलाव हो सकता है।

