Bihar Politics : बिहार में वक्फ संशोधन विधेयक के चलते सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से इस्तीफों का सिलसिला जारी है। अब औरंगाबाद में जेडीयू के मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। वक्फ संशोधन विधेयक पर जेडीयू के रुख से नाराज सात मुस्लिम नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी है।

इस्तीफा देने वालों में जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष जहीर अहसन आजाद, जिला महासचिव व अधिवक्ता अतहर हुसैन, मंटू, जेडीयू नेता व जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति (20 सूत्री) के सदस्य मो. इलियास खान, जेडीयू नेता व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मो. फारूक अंसारी, पार्टी नेता व पूर्व वार्ड पार्षद सैयद अनवर हुसैन, जेडीयू नेता व वार्ड पार्षद खुर्शीद अहमद, पार्टी नेता फखरे आलम, जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष मोजफ्फर इमाम कुरैशी समेत दर्जनों उनके समर्थक जेडीयू नेता शामिल हैं।

इन नेताओं ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेडीयू की प्राथमिक सदस्यता व पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का समर्थन करने वाले नीतीश कुमार अब धर्मनिरपेक्ष नहीं रहे। उनके चेहरे से धर्मनिरपेक्ष होने का नकाब उतर चुका है। नीतीश कुमार लकवाग्रस्त हो गए हैं। नेताओं ने कहा कि जदयू के केंद्रीय मंत्री ललन सिंह जिस तरह से लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर अपना पक्ष रख रहे थे, ऐसा लग रहा था जैसे कोई भाजपा का मंत्री बोल रहा हो। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जमीयतुल उलेमा हिंद, मुस्लिम पर्सनल लॉ, इमारत शरिया जैसे मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री ने किसी से मुलाकात नहीं की और न ही वक्फ संशोधन विधेयक पर कुछ कहा, बल्कि उन्होंने व्हिप जारी कर लोकसभा और राज्यसभा में विधेयक का समर्थन कराया।


जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे त्यागपत्र में जिला महासचिव जहीर अहसन आजाद ने कहा है कि बड़े अफसोस के साथ मैं जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता और पद से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं समता पार्टी की स्थापना के समय से ही पार्टी के सिपाही के रूप में काम कर रहा हूं। जब जनता दल से अलग होकर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 12 सांसदों के साथ जनता दल जॉर्ज का गठन हुआ था, तब मैं भी वहां मौजूद था। इसके बाद जब समता पार्टी बनी, तो मुझे जिला कोषाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद जब जनता दल यूनाइटेड बनी, तब भी मैं जिला कोषाध्यक्ष रहा।

इस बीच मुझे जिला विधिज्ञ संघ का अध्यक्ष, राज्य परिषद का सदस्य, पार्टी का तीन बार जिला निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया गया। मैं बिहार प्रदेश जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का महासचिव भी रहा। अभी मुझे जिला उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे मैं बखूबी निभा रहा था, लेकिन बहुत भारी मन से मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं। जदयू अब धर्मनिरपेक्ष नहीं रही। ललन सिंह और संजय झा ने भाजपा में शामिल होकर पार्टी को बर्बाद कर दिया। पूरे भारत के मुसलमानों को पूरा भरोसा था कि जदयू वक्फ बिल का विरोध करेगी, लेकिन जदयू ने पूरे भारत के मुसलमानों का भरोसा तोड़ा और विश्वासघात किया और वक्फ बिल का समर्थन किया।
