Bihar Dam Safety : बिहार के बांधों की सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों की टीम करेगी मूल्यांकन.

बिहार के बांधों की सुरक्षा को लेकर जल संसाधन विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। तीन विशेषज्ञ टीमों का गठन किया गया है, जो बांधों का निरीक्षण कर खामियों की पहचान करेंगी और सुरक्षा के उपाय सुझाएंगी।

   

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने हाल ही में विशेषज्ञों की इन टीमों को मंजूरी दी है। प्रत्येक टीम में आठ-आठ इंजीनियर शामिल किए गए हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों के प्रमुख विशेषज्ञ माने जाते हैं। यह कदम 2021 में संसद द्वारा पारित बांध सुरक्षा अधिनियम के तहत उठाया गया है, जिसके तहत राज्यों को पांच वर्षों के भीतर अपने सभी बांधों का सुरक्षा मूल्यांकन करना है।

बिहार में इस समय 27 बांध और बराज हैं, जो केंद्रीय मानकों के तहत सुरक्षा मूल्यांकन के दायरे में आते हैं। इन बांधों का अंतिम बार 2013 में मूल्यांकन किया गया था, लेकिन अब यह कार्य व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है। इस नए मूल्यांकन को कम्प्रिहेंसिव डैम सेफ्टी इवैल्यूशन नाम दिया गया है, जिसमें बांध के हर पहलू का अध्ययन किया जाएगा। मूल्यांकन के बाद, बांधों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।

पिछले पांच वर्षों में राज्य सरकार ने तटबंधों की सुरक्षा पर 5500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस दौरान 27 स्थानों पर तटबंध टूटे हैं, जबकि पिछले 35 वर्षों में 103 स्थानों पर तटबंध टूटने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें सर्वाधिक टूट कमला बलान नदी में हुई है।

   

टीम में विशेषज्ञ:

पहली टीम की अध्यक्षता एके बजाज करेंगे, जबकि जे. चन्द्रशेखर अय्यर, डॉ. राजेश कुमार, मंडापल्ली राजू, शरण आधार, डी. श्रीनागेश, राजेश कुमार श्रीवास्तव और राजीव सचदेवा सदस्य होंगे। दूसरी टीम की अध्यक्षता डॉ. शैलेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे, और इसमें जे. चंद्रशेखर अय्यर, शरद गोविंद जोशी, राकेश चन्द्र शर्मा, के. सत्यनारायण, शरण आधार, डी. श्रीनागेश, राजेश कुमार श्रीवास्तव सदस्य होंगे। तीसरी टीम की अध्यक्षता जे. चन्द्रशेखर अय्यर करेंगे, जिसमें राजेन्द्र चालीसगांवकर, श्यामलाल कपिल, शरण आधार, तारापुरम सुधाकर, डी. श्रीनागेश, राजेश कुमार श्रीवास्तव और प्रभु उल्लागड़ी सदस्य होंगे।

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