Samastipur News: खानपुर में 300 एकड़ से अधिक में सूख कर बर्बाद हो गई परवल की तैयार फसल.

अमसौर गांव के सब्जी उत्पादक किसानों पर इस बार फिर मौसम ने कहर बरपाया है। हर साल की तरह इस साल भी बारिश के बाद परवल की फसल सूखने लगी है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। करीब ढाई से तीन सौ एकड़ में लगी परवल की फसल का 50 प्रतिशत हिस्सा सूख चुका है, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है।

   

अमसौर के किसानों के लिए परवल की खेती जीवनयापन का मुख्य स्रोत है, लेकिन हर साल बारिश के दौरान फसल का सूखना उनकी मेहनत पर पानी फेर देता है। किसानों ने बताया कि फसल की बर्बादी के कारण उनकी खेती करीब दो साल पीछे चली जाएगी, जिससे विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए इस नुकसान की भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा।

फसल सूखने की समस्या पिछले कई वर्षों से बनी हुई है। बारिश शुरू होते ही फसल का सूखना शुरू हो जाता है और बारिश खत्म होने के एक महीने के भीतर फसल पूरी तरह से सूख जाती है। सहरसा, खगड़िया, दरभंगा, समस्तीपुर सहित कई जिलों में अमसौर के परवल की व्यापारिक मांग है, लेकिन फसल के सूखने से यह व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।

 

किसानों ने बताया कि परवल की खेती में बांस और बल्ला से मचान बनाने में हजारों रुपये की लागत लगती है, लेकिन फसल बर्बाद होने से उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है। राजेश सहनी, बिरजू सहनी, दामोदर सहनी, नवीन सहनी, दिलीप सहनी, अमित सहनी, रामबाबू सहनी, अरुण सहनी और उमेश सहनी सहित दर्जनों किसानों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

जिला परिषद सदस्य प्रियंका कुमारी ने किसानों की समस्या को देखते हुए जिला कृषि विभाग को पत्र लिखकर फसल की जांच करने और सही कारणों का पता लगाने की मांग की है। कृषि वैज्ञानिकों की टीम गठित कर इस समस्या की जांच की जाएगी।

   

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