- समस्तीपुर जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव.
- ठंड के मौसम में गर्म हुई जिले की राजनीति, शह और मात का खेल शुरू.
- 14 जिला परिषद सदस्यों ने डीएम को भी सौंपा आवेदन.
समस्तीपुर, 04 जनवरी 2025 | दिव्यांशु राय
समस्तीपुर में ठंड के मौसम में राजनीति गर्म हो गयी है। शनिवार को जिला परिषद कार्यालय में सदस्यों ने जिला परिषद अध्यक्षा खुशबू कुमारी पर अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने को लेकर आवेदन दिया। जिसमे 14 जिला परिषद सदस्यों ने हस्ताक्षर कर जिला परिषद की अध्यक्षा खुशबू कुमारी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष बैठक बुलाने की मांग की है। सदस्यों ने जिला परिषद अध्यक्षा पर विकास कार्यों में रुचि नहीं लेने का आरोप लगाया है। हालांकि जिला परिषद अध्यक्षा खुशबू कुमारी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा है कि दबाव की राजनीति के तहत उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया गया है।
इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जिला परिषद सदस्य ममता कुमारी, अरुण कुमार, उर्मिला देवी, अनिता कुमारी, रिंकी कुमारी, मंजू देवी, किरण कुमारी, लक्ष्मी कुमारी ने सौंपे गए ज्ञापन में बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा 70 की उप धारा चार की कंडिका एक के आलोक में विशेष बैठक आयोजित कर अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने की संबंधित पदाधिकारी से अपील की है। इन पार्षदों ने आरोप लगाया है कि लगभग तीन वर्ष पूरे होने के बाद भी समस्तीपुर जिला परिषद के संकल्पों और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में विफल रही है। वे जिला परिषद सदस्यों से परामर्श नहीं करती हैं।
इस दौरान जिला परिषद के सदस्यों ने उन पर मनमाने ढंग से काम करने सहित वर्ष में एक या दो बार ही 26 जनवरी और 15 अगस्त को अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में आने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा सदस्यों ने ने यह भी आरोप लगाया है कि वे योजना के क्रियान्वयन में भी मनमानी करती हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि वह जिला परिषद समस्तीपुर के वित्तीय और प्रशासनिक मामलों पर नियंत्रण नहीं रख रही है।
सदस्यों ने कहा कि अध्यक्षा के तौर पर वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से नहीं कर रही है। साथ ही सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि योजनाओं की राशि जिला परिषद में पड़ी हुई है, लेकिन विकास कार्यों पर खर्च नहीं की जा रही है।
जिला परिषद सदस्य को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है। उनके क्षेत्र की योजनाओं के नाम पर राशि की निकासी कर ली गई है। अविश्वास प्रस्ताव की कॉपी सदस्यों ने डीएम के अलावा डीडीसी और जिला परिषद अध्यक्ष को भी दी है।
जिला परिषद अध्यक्षा पर लगाए गए आरोप :
1. तीन वर्ष पूर्ण होने के उपरांत भी जिला परिषद समस्तीपुर के संकल्पों और विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में असफल रही है।
2. जिला परिषद् सदस्यों से मन्त्रणा नहीं करती है तथा मनमाने ढंग से कार्य करती है एवं अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में साल में दो बार ही 26 जनवरी एवं 15 अगस्त को आती है।
3 योजना के क्रियान्वयन में मनमानी करती हैं।
4. जिला परिषद समस्तीपुर के वित्तीय और प्रशासनिक मामलों पर नियंत्रण नहीं रखती है।
5. माननीय अध्यक्षा के रूप में निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करती है।