

खुशबू के पिता हैं किसान:
खुशबू कुमारी मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। उनके पिता राम जतन यादव किसान हैं, जबकि मां आशा देवी आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं। खुशबू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा केजीबीवी पंडौल से की और वहीं आठवीं तक पढ़ाई की। खेलों में रुचि रखने वाली खुशबू ने नौ साल पहले लॉन बॉल खेलना शुरू किया और अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। मुश्किलों से जिंदगी की शुरुआत करने वाली खुशबू के चेहरे पर कभी शिकन नहीं आई। उसने इसी साल जेएमडीपीएल महिला कॉलेज से साइंस स्ट्रीम में इंटरमीडिएट और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है।


हर प्रतियोगिता में अव्वल रही:
कस्तूरबा की वार्डन अवंतिका रानी ने बताया कि खुशबू हमेशा से उनकी बेटी की तरह रही है। उसने 2014-15 में यहीं से आठवीं पास की। लेकिन शायद ही कोई दिन बीता हो जब उसने उससे फोन पर बात न की हो। खुशबू ने हमेशा बेटी की तरह उसका ख्याल रखा है। उन्होंने बताया कि उसका बचपन और किशोरावस्था उसके सामने बीती और वह हमेशा कहती थी, देखना, मैं अपने जिले का नाम देश में रोशन करूंगी। पढ़ाई के साथ-साथ वह विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में आगे रही है। कराटे में भी उसने कई पदक जीते हैं।

अपने अतीत को याद करते हुए श्रीमती रानी ने बताया कि वह जो ठान लेती है, उसे पूरा करके ही रहती है। इसी हौसले ने उसकी सफलता का परचम लहराया है। केजीवीबी में कराटे की ट्रेनिंग देने वाले संतोष ने बताया कि खुशबू बचपन से ही प्रतिभाशाली रही है।
पिछली प्रतियोगिता में कांस्य जीतने में रही थी सफल:
पिछले साल खुशबू ने दिल्ली में आयोजित लॉन बाउल्स नेशनल चैंपियनशिप में महिला फोर्स इवेंट में कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा, उन्होंने 2020 के खेलो इंडिया यूथ गेम्स में महिला पेयर्स इवेंट में बिहार के लिए स्वर्ण पदक भी जीता था। यह उनकी लगातार मेहनत और लगन का ही नतीजा है कि उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में बिहार का नाम रोशन किया।

