बिहार के शहरी गरीबों के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के सात प्रमुख शहरों में बहुमंजिला आवास बनाए जाने की योजना है, जिससे गरीबों को पक्का मकान मिल सकेगा। इस योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, समस्तीपुर और डेहरी में बहुमंजिला आवास बनाए जाएंगे। यह योजना जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत क्रियान्वित की जाएगी। इस मॉडल में आवास बोर्ड अपनी जमीन बिल्डरों को देगा, जो वहां अपार्टमेंट बनाएंगे। बिल्डर अपनी लागत निकालने के लिए कुछ फ्लैट बेच सकेंगे, जबकि बाकी फ्लैट गरीबों को प्रदान किए जाएंगे।

पटना के राजीव नगर-दीघा इलाके में पांच एकड़ जमीन पर 750 आवास बनाने की योजना है। नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुसार, अन्य शहरों में भी जमीन चिन्हित की जा रही है। इसी महीने से काम शुरू होने की संभावना है और इसके लिए भारतीय रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (आईआरडीए) से मंजूरी ली जा रही है।

निर्माण कार्य के दौरान हरित क्षेत्र और पार्किंग जैसी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। इस योजना से शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा और निर्माण कार्य के दौरान रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।


आवंटन के लिए कमेटी: इन आवासों के आवंटन के लिए राज्य सरकार द्वारा एक कमेटी गठित की जाएगी। राज्य स्तर पर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि जिला स्तर पर जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे। गरीबों को आवंटित फ्लैट में वे कोई बदलाव नहीं कर सकेंगे। इस योजना से शहरों में स्लम बस्तियों की समस्या को कम करने में भी मदद मिलेगी।


