Bihar News : बिहार में सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करने और मौका मिलने पर पिस्तौल दिखाकर लूटपाट करने वाले गिरोह के तीन अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह पुलिस की रडार पर तब आया जब हाल ही में एसके पुरी थाना क्षेत्र में एक युवक को पिस्तौल दिखाकर लूट लिया गया।

एसके पुरी थाने की पुलिस ने इनके पास से दो बाइक बरामद की हैं, जिन पर पुलिस का स्टीकर चिपका हुआ है। इनके पास से दो पिस्तौल, एक कट्टा, नेम प्लेट लगी सेना की वर्दी, फर्जी सीबीआई पहचान पत्र और खाली चेक भी बरामद किया गया है।

आरोपियों की पहचान सहरसा के बिहारा निवासी रीतन कुमार, धनरुआ निवासी नीतीश कुमार और वैशाली के लालगंज निवासी अरविंद कुमार के रूप में हुई है। रीतन के खिलाफ दीदारगंज और दरभंगा, नीतीश के खिलाफ धनरुआ और दीदारगंज तथा अरविंद के खिलाफ भी दीदारगंज और बेउर थाने में मामला दर्ज है। गिरोह में शामिल दो अन्य बदमाशों की तलाश जारी है।

सीसीटीवी कैमरे के जरिए चिरैयाटांड़ पुल से गिरफ्तारी: 10 मई की दोपहर बिस्किट कंपनी के कर्मचारी अमर कुमार को शिवपुरी, एसके पुरी में रास्ते में रोककर बंदूक की नोक पर उससे 17 हजार रुपये लूट लिए गए थे। पीड़ित की शिकायत पर एसके पुरी थाने की पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की पहचान शुरू कर दी है।

सचिवालय डीएसपी-2 साकेत ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसके पुरी थानेदार के नेतृत्व में 13 सदस्यीय टीम बनाई। सीसीटीएनएस से जुड़े कैमरों से वारदात में इस्तेमाल बाइक के मूवमेंट का भी पता लगाया गया। घटना में इस्तेमाल अपाचे बाइक गांधी मैदान से चिरैयाटांड़ पुल तक घूमती दिखी।

शनिवार की देर रात पुलिस उस इलाके में पहुंची और अपाचे बाइक के साथ नीतीश को गिरफ्तार कर लिया गया। वह किसी से तीन लाख रुपये लूटने की फिराक में था। पूछताछ में उसने बताया कि गिरोह में पांच लोग हैं। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने रीतन और अरविंद को भी गिरफ्तार कर लिया।

अरविंद खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर फर्जी पहचान पत्र दिखाता था। ये सभी पटना में किराए के कमरे में रह रहे थे। गिरोह जिस किसी को भी निशाना बनाता था, उसे चेकिंग के नाम पर रोक लिया जाता था। इसमें हर सदस्य की अलग-अलग भूमिका होती थी। अरविंद खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर पीड़ित को फर्जी पहचान पत्र दिखाता था। ठगी में सफल नहीं होने पर पिस्तौल दिखाकर लूटपाट करता था।

