बिहार के जमुई के बरहट प्रखंड के पनकोल जंगल में एक रहस्यमयी गुफा की खोज ने स्थानीय लोगों ने की। गुफा जम्मू-कश्मीर की प्रसिद्ध वैष्णो देवी गुफा (Bihar Mysterious Cave) से काफी मिलती-जुलती है। बता दें कि यह खोज 26 जनवरी को हुई, जब भलूका गांव के वाल्मीकि मांझी अपने कुछ साथियों के साथ जंगल में सूखी लकड़ियां इकट्ठा करने गए थे।
लगभग 2000-2500 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस गुफा की खास बात इसकी प्राचीन नक्काशी है। गुफा के प्रवेश द्वार पर की गई पत्थरों की कटाई और नक्काशी वैष्णो देवी मंदिर की गुफा से मिलती-जुलती है, जो इसे और भी रहस्यमय बनाती है। गुफा के अंदर का रास्ता करीब 10 फीट तक सीधा जाता है, उसके बाद दोनों तरफ संकरे रास्ते निकलते हैं। स्थानीय लोगों ने गुफा के अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन अंधेरे के कारण वे ज्यादा दूर तक नहीं जा सके। इस अनूठी खोज के बाद से क्षेत्र में लोगों का तांता लगा हुआ है और बड़ी संख्या में लोग इस रहस्यमयी गुफा को देखने पहुंच रहे हैं।
गुफा की बनावट और उसकी नक्काशी से ऐसा प्रतीत होता है कि इसे किसी कुशल कारीगर या महापुरुष द्वारा बनाया गया होगा। यह खोज न केवल स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है, बल्कि इससे क्षेत्र के पुरातात्विक महत्व को भी उजागर करती है। टीम 2000 फीट ऊपर पहाड़ी पर चढ़कर उस गुफा तक पहुंची, जहां देखा की पहले से दर्जनों से अधिक ग्रामीण भी वहां पहुंचे थे। जो दावा कर रहे थे कि यहां पर इस गुफा में एक ऋषि मुनि और शिवलिंग मौजूद है। हालांकि मोबाइल की स्टिक में डंडे के जरिए बांधकर किसी तरह 15 फीट गुफा में घुसने के बाद जहां सकरा जगह था।
वहां मोबाइल के कैमरे को उस दावे जो के स्थानीय लोग कर रहे थे कि एक ऋषि मुनि और एक शिवलिंग इसके अंदर है और अलग तरह का लाइट अंदर उत्पन्न हो रही है। जब कैमरा डाला गया तो कुछ खास नहीं दिखा लेकिन जो अंदर का दृश्य दिखा वह अजब और अद्भुत था। पूरे पहाड़ में गोल्डन कलर देखने को मिला। जिससे यह तो साफ हो गया कि उक्त रहस्यमई गुफा में कुछ तो है। जहां कैमरा भी ठीक से काम नहीं कर रहा है। लेकिन पहाड़ के दोनों और अंदरूनी हिस्से में गोल्डन कलर जो पत्थरों में लिपटा देखने को मिला। जो अपने आप में अलग अद्भुत प्रतीत हो रहा था। हालांकि भास्कर की टीम को किसी प्रकार का कोई ऋषि मुनि अथवा शिवलिंग की जानकारी नहीं मिल पाई।
स्थानीय लोगों का मानना है कि पुरातत्व विभाग व जिला प्रशासन उक्त रहस्यई गुफा की जांच करें। यदि भगवान भोले के शिवलिंग और ऋषि मुनि की प्रतिमा है तो उस स्थान को पर्यटक क्षेत्र घोषित करें और विकसित करें ताकि यहां के लोग इस सच्चाई को जान सके। बरहट थानाध्यक्ष कुमार संजीव से बात की तो उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा जानकारी दी जा रही थी कि एक रहस्यमई गुफा मिला है। लेकिन प्रतिमा होने का भी दावा किया गया था। लेकिन अब तक इस तरह का फोटो या वीडियो सामने नहीं आया है। पूरे मामले की जानकारी वरीय पदाधिकारी को दी गई है।