Samastipur

Samastipur : समस्तीपुर में विश्व स्तनपान सप्ताह पर WHO साथ डॉक्टरों ने इसके महत्व के बारे में दी जानकारी.

Photo of author
By Samastipur Today Desk

 


 

Samastipur : समस्तीपुर में विश्व स्तनपान सप्ताह पर WHO साथ डॉक्टरों ने इसके महत्व के बारे में दी जानकारी.

 

मां का दूध बच्चे के जीवन का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पोषण स्रोत है, जो न केवल बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाता है बल्कि मां के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखता है। आज की बदलती जीवनशैली और जागरूकता की कमी के कारण स्तनपान का प्रतिशत घटता जा रहा है, जिससे बच्चों और माताओं की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

 

समस्तीपुर में विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के प्रमुख चाइल्ड स्पेशलिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञों ने स्तनपान के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर डॉ. सोमेंदु मुखर्जी ने कहा कि मां का दूध बच्चों के लिए संपूर्ण आहार है, जो उन्हें कई बीमारियों से बचाता है। उन्होंने चिंता जताई कि जैसे-जैसे लोग शिक्षित होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे बच्चों को दूध पिलाने का प्रतिशत घटता जा रहा है। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है, जो बच्चों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, डॉ. सरोजिनी ईश्वर ने बताया कि ब्रेस्टफीडिंग न केवल बच्चों को फायदा पहुंचाता है, बल्कि मां के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। उन्होंने बताया कि स्तनपान से मां का वजन कम होता है और उन्हें ब्रेस्ट कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों से सुरक्षा मिलती है। इसके अलावा, यह बच्चों में अस्थमा और मोटापे जैसी समस्याओं को भी दूर रखता है।

विशेषज्ञों ने सभी माताओं से आग्रह किया कि वे अपने नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद स्तनपान कराएं ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सके। मां का दूध नवजात के लिए सबसे संतुलित आहार है, जो उसे जीवन की शुरुआत से ही तंदुरुस्त बनाता है।