बिहार में आए अप्रत्याशित चुनाव परिणाम पर समस्तीपुर के पूर्व विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि “जनता ने बदलाव का मन बनाया था, लेकिन चुनाव आयोग की वजह से नतीजा बदला गया।”
शाहीन के अनुसार, चुनाव की घोषणा और आचार संहिता लागू होने के बाद भी सरकार ने महिलाओं के खातों में 10-10 हजार रुपये भेजे, जो लोकतंत्र और आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। उन्होंने दावा किया कि “बिहार चुनाव में बड़े पैमाने पर लोकतंत्र को खरीदा गया और भाजपा मंडली ने चुनाव आयोग की सह से लोकतंत्र का गला घोंटा।”

उन्होंने कहा कि कठिन राजनीतिक परिस्थिति में भी समस्तीपुर की जनता ने उन पर भरोसा जताया और 82 हजार से अधिक वोट देकर समर्थन दिया।
शाहीन ने कहा, “पिछले 15 वर्षों में मैंने पूरी ईमानदारी से समस्तीपुर के विकास के लिए काम किया। सदन में जनता की आवाज मजबूती से उठाई और योजनाओं के जरिये क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।”
उन्होंने क्षेत्र के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा जनता के सुख-दुख में साथ निभाया है—“नेता नहीं, बल्कि भाई और बेटा बनकर सेवा की है।”
चुनाव हारने पर उन्होंने कहा, “हम यह चुनाव अवश्य हार गए, लेकिन जनता का प्रेम, सम्मान और अपनापन ही मेरी सबसे बड़ी जीत है। समस्तीपुर का सम्मान और प्रगति मेरे प्रयासों का केंद्र कल भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा।”


