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Rameshwar Jute Mill Samastipur : बंद हुआ समस्तीपुर का इकलौता जूट मिल, 25 हजार परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट.

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By Samastipur Today Desk

 


 

Rameshwar Jute Mill Samastipur : बंद हुआ समस्तीपुर का इकलौता जूट मिल, 25 हजार परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट.

 

समस्तीपुर जिले का इकलौता उद्योग रामेश्वर जूट मिल एक बार फिर बंद हो गया है। रविवार को मजदूरी बढ़ाने को लेकर मिल प्रबंधन और मजदूर यूनियन के बीच बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन बैठक से पहले ही प्रबंधन ने नोटिस जारी कर मिल के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया।

 

चुनावी माहौल के बीच अचानक ताला लगाए जाने की सूचना मिलते ही सैकड़ों मजदूर और यूनियन नेता मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक प्रबंधन के अधिकारी वहां से निकल चुके थे।

रामेश्वर जूट मिल संघर्ष समिति के संयोजक रामू बली महतो ने बताया कि मजदूर सरकारी प्रावधान के अनुसार 660 रुपए दैनिक मजदूरी की मांग कर रहे थे, जबकि मिल प्रबंधन सिर्फ 400 रुपए दे रहा था। साथ ही मजदूरों के पीएफ की राशि काटी जा रही थी, लेकिन खाते में जमा नहीं हो रही थी।

उन्होंने कहा कि मिल बंद होने से 25 हजार से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है। मजदूर मिल को तीनों पाली में चलाने की मांग कर रहे थे, जबकि अभी यह दो पाली में ही संचालित हो रहा था। इसके अलावा सेवानिवृत्त कर्मियों का बकाया भुगतान और पेंशन भी लंबित है।

संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पूर्व वार्ता में शामिल कर्मियों को काम से हटा दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि सभी हटाए गए कर्मियों को पुनः बहाल किया जाए और अवैध रूप से मिल बंद करने की जांच जिला प्रशासन कराए। इसकी सूचना एसपी और डीएम समस्तीपुर को दी गई है।

1926 में हुई थी स्थापना

84 एकड़ भूमि में फैली यह जूट मिल समस्तीपुर शहर से करीब दो किलोमीटर दूर मुक्तापुर में स्थित है। इसका संचालन वसम इंटरनेशनल लिमिटेड करता है।
मिल की स्थापना 1926 में दरभंगा महाराज द्वारा की गई थी। 1954 तक उन्होंने इसे चलाया। बाद में यह मेसर्स बिरला ब्रदर्स (1954-1976) और फिर एमपी बिरला समूह (1976-1986) के अधीन रही।

1986 से इसका स्वामित्व ‘वसम इंडिया’ के पास है। 125 करोड़ रुपए के वार्षिक कारोबार वाली यह मिल उत्तर भारत की एकमात्र जूट मिल मानी जाती है, जो कभी बिहार की औद्योगिक पहचान थी।