समस्तीपुर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम जारी है, जिसमें अब तक शहरी क्षेत्रों और 20 प्रखंडों के 51,40,930 लक्षित लोगों में से 41,30,930 (80.4%) लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा दी जा चुकी है। इस कार्यक्रम की निगरानी और मूल्यांकन के लिए भारत सरकार के परिवार और कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रवि शंकर सिंह ने दो दिनों तक निरीक्षण किया।

डॉ. सिंह ने खानपुर प्रखंड के शोभन और वारिसनगर के रामपुर विशुन गांव का दौरा कर कार्यक्रम की स्थिति का जायजा लिया। गुरुवार को उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की समीक्षा बैठक की, जिसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार और सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में बताया गया कि 10 से 24 अगस्त तक घर-घर जाकर लोगों को दवा दी गई, और 27 से 31 अगस्त तक बूथ स्तर पर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई गई। इसके बाद 2 से 10 सितंबर तक मॉप-अप राउंड के दौरान छूटे हुए लोगों को दवा दी जा रही है।

निरीक्षण के दौरान, डॉ. सिंह ने विभिन्न घरों में जाकर परिवार पंजी और अन्य दस्तावेजों की जांच की और काम के सत्यापन पर जोर दिया। उन्होंने प्रखंड स्तर पर माइक्रो प्लान, ट्रेनिंग और समन्वय समिति की बैठकों के फैसलों का भी मूल्यांकन किया और प्रखंडों के कार्यों की सराहना की।


डॉ. विजय कुमार ने बताया कि फाइलेरिया से बचने के लिए साल में एक बार एल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमैकटिन जैसी दवाओं का सेवन आवश्यक है। लगातार 5 वर्षों तक इन दवाओं का सेवन करने से व्यक्ति फाइलेरिया से जीवनभर सुरक्षित रहता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि लंबे समय तक बुखार, सूजन, दर्द या खुजली जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।

इस मौके पर भीबीडीसी कंसल्टेंट संतोष कुमार, भीबीडीएस अमरेन्द्र कुमार गुप्ता, पीएचसी खानपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, बीएचएम, वारिसनगर के बीसीएम, पिरामल संस्था के जयशंकर चौधरी, पीसीआई के रणधीर कुमार और अन्य कर्मी भी उपस्थित थे।