समस्तीपुर में मानसून के आगमन के बावजूद उत्तर मध्य बिहार के कई जिलों में छिटपुट बूंदाबांदी के अलावा अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। इन जिलों में भीषण धूप और उमस भरी गर्मी का प्रभाव जारी है, जिससे लोग मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं। मौसम विभाग ने 25 जून को उत्तर और दक्षिण पूर्व क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ 40-50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी चम्पारण और पश्चिमी चम्पारण जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। 26 जून को राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश, मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 27 जून को भी कई जिलों में भारी बारिश की संभावना को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कृषि विशेषज्ञों ने उत्तर बिहार के किसानों को केला की रोपाई करने की सलाह दी है। लम्बी किस्मों के लिए अलपान, चम्पा, कंथाली, मालभोग, चिनियों, शक्कर चिनियों तथा बौनी और खाने वाली किस्मों के लिए सैडनेन, रोबस्टा, बसराई, फिआ-1 अनुशंसित की गई हैं। सब्जी वाली किस्में बतीसा, सावा, बनकेल, कचकेल और सब्जी एवं फल दोनों के लिए उपयोगी किस्में कोठियाँ, मुठियों, दुधसागर एवं चकिया अनुशंसित हैं। लम्बी जातियों में पौधा से पौधा की दूरी 2.1 मीटर और बौनी जातियों में 1.5 मीटर रखने की सलाह दी गई है।
आम के पौधों की देखभाल के लिए 10 वर्ष से अधिक उम्र के पौधों के फलन समाप्त होने के बाद 15-20 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद, 1.25 किलोग्राम नेत्रजन, 300-400 ग्राम फॉसफोरस, 1.0 किलोग्राम पोटाश, 50 ग्राम बोरेक्स और 15-20 ग्राम थाइमेट प्रति पौधा प्रति वर्ष उपयोग करने की अनुशंसा की गई है। इससे अगले वर्ष पौधों में फलन बेहतर होगा और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहेगा।