समस्तीपुर जिले के हसनपुर और सिंघिया प्रखंड के स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत घोटाले की गंभीर जानकारी सामने आई है। इस मुद्दे ने न केवल शिक्षण संस्थाओं की प्रशासनिक संरचना को सवाल के घेरे में खड़ा किया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे भ्रष्टाचार सरकारी योजनाओं का उल्लंघन कर सकता है।

हाल ही में हुए एक निरीक्षण में पुष्टि हुई कि हसनपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय करसौली के हेडमास्टर राजेश खन्ना और सिंघिया के उत्क्रमित मध्य विद्यालय चक्का के हेडमास्टर अमरेंद्र कुमार ने मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितताएं की हैं। इन हेडमास्टरों पर क्रमशः 1 लाख 40 हजार रुपये और 84 हजार 11 रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है।

डीपीओ सुमित कुमार सौरभ ने बताया कि इन दोनों पर दंड की राशि का भुगतान करने के लिए एक महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है। यदि इस अवधि में राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो यह राशि सीधे उनके वेतन से काट ली जाएगी।

स्थलीय जांच में पाया गया कि संबंधित स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत कई गड़बड़ियां थीं। हेडमास्टरों से पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। यह घटना न केवल स्थानीय शिक्षा प्रणाली पर एक धब्बा है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकारी योजनाओं का गलत इस्तेमाल कैसे किया जा रहा है।
