समस्तीपुर जिले में फाइलेरिया के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देने के लिए 10 अगस्त से ट्रिपल ड्रग थेरेपी अभियान शुरू होने जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य फाइलेरिया के प्रसार को कम करना और जिले के करीब 45 लाख लोगों को इससे सुरक्षित रखना है। सिविल सर्जन डॉ. एसके चौधरी ने इस अभियान के महत्व और इसकी कार्ययोजना पर विस्तृत जानकारी दी।
इस अभियान के तहत आइवरमेक्टिन, डीईसी, और एल्बेंडाजोल की दवाओं का वितरण किया जाएगा। इन दवाओं का सेवन 5 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को कराया जाएगा। इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए 2,174 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें 4,300 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और 270 सुपरवाइजर शामिल हैं। कार्यशाला के दौरान डॉ. विजय कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत 17 दिनों तक सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा सेवन बूथ लगाए जाएंगे।
विशेष माइक्रो प्लान के तहत शहरी क्षेत्रों में भी अधिक प्रयास किए जाएंगे ताकि फाइलेरिया रोधी दवाओं का शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जा सके। इसके अतिरिक्त, 27 अगस्त से 29 अगस्त तक सरकारी और निजी विद्यालयों में भी दवा सेवन बूथ लगाए जाएंगे। 30 अगस्त से 5 सितंबर के बीच मॉप-अप राउंड के दौरान छूटे हुए और इंकार किए हुए लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा।
डॉ. माधुरी देवराजू ने बताया कि यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि हर व्यक्ति ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर के सामने ही दवा खाए। एल्बेंडाजोल की गोली को हमेशा चबाकर खाने की सलाह दी गई है।
डीवीबीडीसीओ डॉ. विजय कुमार ने कहा कि ट्रिपल ड्रग थेरेपी के सेवन से कुछ लोगों में मतली, चक्कर, और हल्का बुखार जैसे प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए प्रत्येक प्रखंड में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है।