समस्तीपुर जिले के भगीरथपुर गांव में हुई एक हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। दवा दुकानदार सुनील चौधरी की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया, मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और मुआवजे की मांग की, साथ ही हत्या के आरोपित के घर में आग लगा दी।
23 सितंबर की रात, जब भगीरथपुर गांव के सुनील चौधरी अपनी दवा दुकान बंद कर घर लौट रहे थे, तो बदमाशों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। गंभीर रूप से घायल सुनील को तुरंत शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्हें पटना के मेदांता अस्पताल में रेफर किया गया। पांच दिनों तक चले इलाज के बाद, आखिरकार शुक्रवार की रात उन्होंने दम तोड़ दिया। शनिवार सुबह जैसे ही उनका शव गांव पहुंचा, गुस्साए ग्रामीणों ने समस्तीपुर-दरभंगा मुख्य मार्ग पर प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी। इस प्रदर्शन से यातायात ठप हो गया और दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मृतक के परिजन और ग्रामीण मुख्य आरोपी गांधी चौधरी की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग और परिवार की सुरक्षा की मांग कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगों ने आरोपित गांधी चौधरी के घर पर हमला किया और उसमें आग लगा दी, जिससे घर का एक हिस्सा जलकर खाक हो गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। ग्रामीणों का कहना था कि अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो सुनील चौधरी की जान बचाई जा सकती थी। गांधी चौधरी पर पहले भी गांव के संतोष राय पर गोली चलाने का आरोप था, लेकिन पुलिस की लापरवाही से वह फरार था। कल्याणपुर थाना पुलिस ने सुनील चौधरी की पत्नी के बयान के आधार पर चार लोगों को नामजद किया था, जिनमें से एक की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन मुख्य आरोपी अब भी फरार है। पुलिस का दावा है कि वे जल्द ही गांधी चौधरी को गिरफ्तार कर लेंगे।