Samastipur News : समस्तीपुर शहर के काशीपुर के वीरकुंवर सिंह कॉलोनी स्थित प्राचीन सरकारी तालाब आज सरकारी व प्रशासनिक उदासीनता का शिकार है। लंबे समय से प्रशासन द्वारा इसकी देखरेख नहीं की जा रही है। इसका फायदा उठाकर तालाब के आसपास बसे लोग व कानूनी दांवपेंच में माहिर लोग तालाब की अधिकांश जमीन हड़प रहे हैं। जो हिस्सा बचा है, उसे भी हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। इसे कूड़ा डंपिंग स्थल बना दिया है। तालाब के विकास की योजना सरकारी फाइलों में दबी पड़ी है।
इसके प्रति सरकारी व प्रशासनिक उदासीनता का कारण स्थानीय प्रभावशाली लोगों का प्रशासन पर हावी होना बताया जाता है। इन लोगों ने सरकारी तालाब को चारों तरफ से अतिक्रमण कर बड़े-बड़े मकान व दुकानें बना ली हैं। कई लोगों ने तो मकान बनाकर किराए पर दे दिए हैं। और तो और ये लोग अपने घरों की नाली का दूषित पानी भी तालाब में डालते हैं। घरों का कूड़ा-कचरा व मल-मूत्र भी इसमें फेंक देते हैं। इस कारण यह तालाब पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। कूड़े से भरे तालाब के आसपास दिनभर सुअरों और आवारा पशुओं का झुंड घूमता रहता है। अतिक्रमण के कारण तालाब का क्षेत्रफल 12 एकड़ से घटकर 2-3 एकड़ रह गया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 2019 में तत्कालीन नगर परिषद ने इस तालाब को जल जीवन हरियाली योजना में चयनित कर इसके जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई थी। इस योजना पर काम शुरू करने से पहले अतिक्रमित तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चलाया गया था। इसके तहत सीओ की मदद से पूरे तालाब की जमीन की मापी कराई गई। मापी में पाया गया कि तालाब के आसपास की कई एकड़ जमीन पर स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है।
सीओ ने इन सभी को नोटिस जारी किया। इससे इन लोगों में हड़कंप मच गया। इसके बाद मैनेज का खेल शुरू हो गया। फिर आगे काम नहीं हुआ। फिर बाद में इसे जल जीवन हरियाली मिशन योजना से चयनित कर लिया गया। इसके तहत इसका सौंदर्यीकरण कर मछली पालन करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अतिक्रमणकारियों के दबाव और दबदबे के कारण आज तक आगे कोई काम नहीं हुआ। और पूरा तालाब अतिक्रमणकारियों की गिरफ्त में है।
समस्तीपुर नगर निगम के नगर आयुक्त केडी प्रोज्जवल ने बताया कि इस तालाब के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए मॉडल प्राक्कलन का प्रस्ताव नगर निगम ने नगर विकास एवं आवास विभाग को भेज दिया है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही काम शुरू हो जाएगा। इस सरकारी तालाब के साथ ही शहर के अन्य तालाबों और झीलों के नाम भी प्रस्ताव में हैं।