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समस्तीपुर में नई जमीन निबंधन नीति के खिलाफ प्रदर्शन, कातिब और स्टाम्प वेंडरों ने काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध.

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By Samastipur Today Desk
समस्तीपुर में नई जमीन निबंधन नीति के खिलाफ प्रदर्शन, कातिब और स्टाम्प वेंडरों ने काला बिल्ला लगाकर जताया विरोध.

 

समस्तीपुर, 04 जनवरी 2025 | संवाददाता

   

बिहार में जमीन निबंधन प्रक्रिया में सरकार द्वारा प्रस्तावित नई नीति के खिलाफ शुक्रवार को समस्तीपुर में कातिब और स्टाम्प वेंडरों ने जिला अवर निबंधन कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरन प्रदर्शनकारियों ने काला बिल्ला लगाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और चेतावनी दी कि अगर यह नीति लागू की गई तो वे आमरण अनशन और राज्यव्यापी आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

इस दौरन बिहार दस्तावेज नवीस संघ, समस्तीपुर के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे कातिबों ने ऑनलाइन निबंधन की प्रक्रिया को समाप्त कर पूर्व की भांति निबंधन की प्रक्रिया को चालू रखने की मांग की। ताकि जमीन रजिस्ट्री कराने वाले आम जनता को सुगमता से निबंधन की प्रक्रिया पूरा करने में मदद मिल सके।

इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए राज्य कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य सुवेश कुमार सिन्हा ने कहा कि पेपर लेस निबंध प्रक्रिया शुरू होने से निबंध कार्य से जुड़े पचास हजार से अधिक कातिबों के निबंध कार्य में सहभागिता समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां राज्य सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर हजारों कातिबों के रोजगार को छीन रही है।

उन्होंने कहा कि इस नियम के लागू करने से उनका रोजगार छिन जाएगा और हजारों स्टाम्प वेंडर और कातिब भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे और उनके परिवार के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।

कातिबों ने कहा कि सरकार की यह योजना उनकी आजीविका पर सीधा प्रहार है। उनका आरोप है कि यह कदम न केवल उनके रोजगार को प्रभावित करेगा, बल्कि निबंधन प्रक्रिया को और जटिल बना देगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कि अगर सरकार ने इस प्रस्ताव को वापस नहीं लिया, तो वे भूख हड़ताल करेंगे।

कातिब संघ के सदस्यों ने कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तो वे आंदोलन को राज्यव्यापी बनाएंगे। इसके तहत धरना-प्रदर्शन, रैली और अनशन जैसे कदम उठाए जाएंगे। इस मौके पर संघ के जिला अध्यक्ष लालो प्रसाद राय, चंदेश्वर प्रसाद सिंह, जीवछ कुमार झा, पवन कुमार मिश्रा, अजय कुमार मिश्रा, अरविंद कुमार झा, सुधीर वर्मा, आले नबी आदि सहित अन्य कातिब उपस्थित थे।

बहरहाल नई निबंधन नीति से एक तरफ जहां सरकार पारदर्शिता और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना चाहती है, लेकिन दूसरी ओर इससे जुड़े वेंडरों और कातिबों के रोजगार का संकट भी गहराता जा रहा है।सरकार को इस मामले में ऐसा समाधान निकालना होगा, जो तकनीकी सुधार और रोजगार सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखे।

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