रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष 72 वर्षीय केपी शर्मा ओली को नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। चीन समर्थक ओली सोमवार को सुबह 11 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। यह ओली का तीसरा कार्यकाल होगा, इससे पहले वह दो बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
ओली ने अपने पहले कार्यकाल में भारत की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। 2015 में नेपाल में नया संघीय, लोकतांत्रिक संविधान लागू होने के बाद तराई क्षेत्र में आंदोलन हुआ, जिसमें भारतीय मूल के तराई निवासियों ने भेदभाव का आरोप लगाया था। इस मुद्दे के कारण भारत-नेपाल संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया था। हालांकि, ओली ने नेपाल-भारत प्रमुख व्यक्ति समूह गठित करने पर सहमति जताई थी।
दूसरे कार्यकाल में ओली ने देश की आर्थिक समृद्धि के लिए भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने का वादा किया था, लेकिन नेपाल का नया राजनीतिक नक्शा जारी होने के बाद दोनों देशों के बीच फिर से तनाव उत्पन्न हो गया। नए नक्शे में तीन भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया गया था।
जुलाई 2020 में ओली ने यह दावा किया था कि असली अयोध्या नेपाल में है, जिससे विवाद पैदा हुआ। इस दावे पर नेपाल के विदेश मंत्रालय को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा था।
ओली का 13 मई, 2021 से 13 जुलाई, 2021 तक का प्रधानमंत्री पद विवादित रहा। तत्कालीन राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी द्वारा की गई उनकी नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक माना था। अब, तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे ओली ने नेपाल की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू किया है।