सवेरा कैंसर अस्पताल ने प्रदेश में पहली बार जबड़े का प्रत्यारोपण कर इतिहास बनाया है। यह प्रदेश के सरकारी और निजी अस्पतालों में जबड़े का पहला प्रत्यारोपण है। इस उपलब्धि को कैंसर विशेषज्ञ और सवेरा अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. वीपी सिंह के नेतृत्व में ओंको सर्जन डॉ. आकाश सिंह, मैक्सिलोफेशियल सर्जन डॉ. प्रतीक आनंद, और एनेस्थेटिस्ट डॉ. विशाल मोहन ने अंजाम दिया।
डॉ. वीपी सिंह ने जानकारी दी कि 19 वर्षीय एक बच्चे के चेहरे के बाईं ओर कई वर्षों से सूजन थी, जिससे उसे बोलने और खाने में परेशानी हो रही थी। कई जगह उपचार कराने के बाद स्वजन उसे सवेरा कैंसर अस्पताल में लेकर आए। सीटी स्कैन और मांस के टुकड़े की जांच में बच्चे के जबड़े में दुर्लभ ट्यूमर अमेलोब्लास्टोमा की पुष्टि हुई।
इस ट्यूमर ने बच्चे के जबड़े के जॉइंट को नष्ट कर दिया था। पांच घंटे की सर्जरी में ट्यूमर को काटकर अलग किया गया और टाइटेनियम के टीएम जॉइंट से पुनर्निर्माण किया गया। सर्जरी के सात दिन बाद बच्चे का मुंह और जबड़ा सामान्य अवस्था में आ गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सवेरा अस्पताल में मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष और आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार की सुविधा उपलब्ध है।