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Shravani Mela 2025: 11 जुलाई से निकलने लगेगा कांवरियों का जत्था, 10 जोन में होगी टाइट मॉनिटरिंग.

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By Samastipur Today Desk


Shravani Mela 2025: 11 जुलाई से निकलने लगेगा कांवरियों का जत्था, 10 जोन में होगी टाइट मॉनिटरिंग.

 

Shravani Mela 2025: बिहार में श्रावणी मेले की शुरूआत होने में बस कुछ दिन ही रह गए हैं. 11 जुलाई से कांवरियों का जत्था निकलने लगेगा, जिसको लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पूरे 10 जोन में मॉनिटरिंग होगी. तैयारियों को लेकर पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने खास जानकारियां दी.

 

Shravani Mela 2025: बिहार में श्रावणी मेले का इंताजर अब खत्म होने वाला है. 11 जुलाई से कांवरियों का जत्था निकलना शुरू हो जाएगा. जिसको लेकर तैयारियों को अब तेजी से निपटाया जा रहा और अंतिम रूप दिया जा रहा है. बता दें कि, यह महीना बेहद ही पावन माना जाता है.

देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में जलाभिषेक के लिए लाखों कावरियों की भीड़ हर रोज उमड़ती है. ये कांवरिया सुल्तानगंज से जल लेकर करीब 110 किलोमीटर की यात्रा पूरी करते हैं. जिसके बाद वे देवघर पहुंचते हैं. ऐसे में कांवरियों को कोई परेशानी रास्ते में ना झेलनी पड़ी, उसे लेकर सभी व्यवस्थाएं की गई है.

कांवरियों पथ को किया गया तैयार
दरअसल, कांवरिया पथ को सजाया और संवारा गया है. भागलपुर के सुल्तानगंज में देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग पहुंचते हैं. कुछ ही दिनों में कांवर यात्रा की शुरुआत हो जाएगी. इधर, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन की ओर से कांवर यात्रा के लिए विभाग द्वारा कराए जा रहे तमाम कार्यों की समीक्षा की.

बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने को लेकर सभी व्यवस्थाएं की जा रही है. वहीं, मंत्री नितिन नवीन के मुताबिक, इसको ध्यान में रखकर पथ निर्माण विभाग बड़ा गिफ्ट देने वाला है. दरअसल, भागलपुर से मुंगेर के बीच गंगा नदी किनारे पटना के मरीन ड्राइव की तरह ही फोर लेन गंगा पथ बनाया जाएगा. इसके लिए मंजूरी भी ले ली गई है.

10 जोन में बंटा कांवरिया पथ
खबर की माने तो, 82 किलोमीटर लंबे कांवरिया पथ का शुभारंभ मंत्री नितिन नवीन ने किया. श्रावणी मेले में को लेकर 110 किलोमीटर लंबे पथ में 82 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में पड़ता है तो वहीं बाकी का मार्ग झारखंड में पड़ता है. खास बात यह है कि, कांवरिया पथ को 10 जोन में बांटा गया है.

सभी जोन के मॉनिटरिंग का प्रभार अलग-अलग सौंपा गया है. यानि कि, श्रद्धालुओं को कई परेशानी ना हो, उसकी उचित व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही मंत्री नितिन नवीन की ओर से ही व्यवस्थाओं को और अधिक सुगम और प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.