बिहार में दो बड़े एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को जानकारी दी कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे के बिहार हिस्से में जमीन अधिग्रहण का काम तेजी से किया जा रहा है।

किन जिलों से होकर गुजरेंगे एक्सप्रेस-वे
स्वीकृत मार्गरेखन के अनुसार:

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गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे बिहार के आठ जिलों – पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर गुजरेगा। इसकी लंबाई राज्य में लगभग 476 किमी होगी। इसके लिए करीब 2941 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है।
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रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे राज्य के नौ जिलों – पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर और बांका से होकर गुजरेगा। इसकी लंबाई बिहार में लगभग 407 किमी होगी और इसके लिए करीब 2900 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी।
अधिग्रहण प्रक्रिया तेज
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि दोनों परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन हेतु सक्षम प्राधिकार की नियुक्ति कर दी गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सभी संबंधित जिलों में भूमि अधिग्रहण की अधियाचना भी जमा कर दी है। इसके अलावा सभी जिलों में सहायक भू-अर्जन पदाधिकारियों को तैनात किया गया है।

राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि भूमि अधिग्रहण कार्य का सघन अनुश्रवण (निगरानी) किया जाएगा, ताकि यह प्रक्रिया अगले दो माह के भीतर पूरी हो सके।
जनता की उम्मीदें और चुनौतियां
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का मानना है कि इन एक्सप्रेस-वे से राज्य के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों के बीच तेज और सुगम आवागमन संभव होगा। व्यापारियों का कहना है कि इससे माल ढुलाई का समय और खर्च दोनों घटेगा। वहीं, किसानों और स्थानीय परिवारों में जमीन अधिग्रहण को लेकर चिंता भी दिख रही है—लोग उम्मीद कर रहे हैं कि उन्हें उचित मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा मिलेगी।

मंत्री का बयान
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “राज्य सरकार इन दोनों एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए कटिबद्ध है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है और अगले दो माह में इसे पूरा कर लिया जाएगा।”

