समस्तीपुर शहर के वार्ड 33 के लोग पिछले कई महीनों से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं, क्योंकि इलाके की ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम को बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई सुधार नहीं हो रहा है, जिससे इलाके में चोरी और अपराध का डर बढ़ता जा रहा है।
वार्ड 33 के विभिन्न हिस्सों में करीब 60 से 70 स्ट्रीट लाइटें पिछले तीन महीनों से बंद हैं। इससे रात के समय पूरे इलाके में अंधेरा पसरा रहता है, जिससे स्थानीय निवासियों को खासकर रात के समय आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निवासी रौशन कुमार, दीपू कुमार, पंकज साह और कई अन्य लोगों ने बताया कि अंधेरे की वजह से लोगों में असुरक्षा का भाव बढ़ रहा है, और चोरों व अपराधियों से भी डर बना रहता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम को कई बार शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। रानी कुमारी और रमण कुमार ने बताया कि नगर निगम से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से जनता की परेशानी और बढ़ गई है।
इस संबंध में ईईएसएल कंपनी के स्थानीय सुपरवाइजर कृष्ण कुमार ने कहा कि बारिश के मौसम में केबल में कार्बन लगने से स्ट्रीट लाइटों में तकनीकी समस्या आती है। हालांकि, कंपनी ने खराब लाइटों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन टीम में सिर्फ दो तकनीशियन होने के कारण समस्या का समाधान करने में देरी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी से नए लाइटों का ऑर्डर किया जा चुका है, लेकिन नगर निगम के कुछ कागजातों के साइन न होने के कारण उनका वेतन भी मार्च से रुका हुआ है, जिससे काम पर असर पड़ रहा है।