समस्तीपुर रेलवे मंडल, जो उत्तर बिहार के 15 जिलों में फैला हुआ है, ने इस वर्ष मक्का लदान के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मंडल के 9 प्रमुख स्टेशनों से अब तक 208 रैक मक्के का लदान देश के विभिन्न शहरों के लिए किया गया है, जिससे रेलवे को 109 करोड़ रुपये की आय हुई है। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक आय है।
समस्तीपुर रेलवे मंडल के डीआरएम विनय श्रीवास्तव के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान सराय, बिहारीगंज, बदला घाट, सोनबरसा कचहरी, अलौली, सहरसा, मधेपुरा, प्रतापगढ़ और हसनपुर रोड रेलवे स्टेशनों से मक्के की बुकिंग आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और पंजाब के विभिन्न शहरों के लिए की गई है।
सराय स्टेशन सबसे आगे
इस वर्ष सराय स्टेशन से सर्वाधिक 43 रैक मक्का देश के अन्य हिस्सों के लिए बुक किया गया है, जबकि बिहारीगंज से 42 रैक मक्के का लदान हुआ। अन्य स्टेशनों में बदला घाट से 28, सोनबरसा कचहरी से 24, अलौली से 22, सहरसा से 17, मधेपुरा से 14, प्रतापगढ़ से 13 और हसनपुर रोड स्टेशन से 5 रैक मक्के की बुकिंग की गई है।
डीआरएम ने यह भी बताया कि पिछले पांच वर्षों में इतनी बड़ी मात्रा में मक्का लदान नहीं हुआ था, यह इस अवधि का सर्वोच्च रिकॉर्ड है। खासकर कोसी क्षेत्र के पीले मक्के का बड़े पैमाने पर चिप्स और पॉपकॉर्न जैसी खाद्य वस्तुओं के निर्माण में उपयोग होता है, जिससे इसकी मांग लगातार बढ़ रही है।
समस्तीपुर रेलवे मंडल की इस उपलब्धि ने मक्का उत्पादन और लदान के क्षेत्र में मंडल को अग्रणी बना दिया है, जो न सिर्फ स्थानीय किसानों के लिए लाभकारी है, बल्कि रेलवे की आय में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।