Nitish Cabinet Meeting : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हो गई है। इस बैठक में कुल 30 एजेंडों पर मुहर लगी, जिसमें कई अहम फैसले शामिल हैं। बिहार कैबिनेट की बैठक में नीतीश सरकार द्वारा किए गए वादों की झलक देखने को मिली। बैठक में लिया गया सबसे अहम फैसला यह रहा कि अगले पांच साल में बिहार में एक करोड़ लोगों को नौकरी दी जाएगी। बिहार कैबिनेट ने बिहार गन्ना सेवा 2025 को मंजूरी दे दी है। वहीं, कैबिनेट बैठक में चार डॉक्टरों को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी दी गई है।

व्यवसायी की दुर्घटना में मृत्यु पर मिलेंगे ₹5 लाख:
बिहार के गैर-कॉर्पोरेट व्यवसायियों के लिए एक बड़ी पहल की गई है। बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु अनुदान योजना 2025 को मंजूरी दी गई है, जिसमें अब मृत्यु होने पर ₹5 लाख की राशि मिलेगी। बम निरोधक दस्ते के कर्मियों को मूल वेतन का 30% प्रति माह जोखिम भत्ता देने की मंजूरी दी गई है। बिहार न्यायिक सेवा के अधिकारियों को 1 जनवरी, 2016 से सरकारी कर्मचारियों के समान वार्षिक वेतन वृद्धि की मंज़ूरी दी गई है।

बीएलओ को मिलेंगे ₹6,000 अतिरिक्त:
मंत्रिमंडल ने मतदाता सत्यापन सूची के कार्य में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) और पर्यवेक्षकों को भी बड़ी राहत दी है। उन्हें उनके वार्षिक मानदेय के अतिरिक्त ₹6,000 की एकमुश्त राशि देने की मंज़ूरी दी गई है। यह उनके अथक प्रयासों और महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए उठाया गया कदम है। अनुदानित माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन हेतु ₹3 अरब 94 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। पटना मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत प्राथमिकता कॉरिडोर के लिए ₹179.37 करोड़ और ₹21 करोड़ 15 लाख की राशि स्वीकृत की गई है।


बैठक में कृषि क्षेत्र से संबंधित “बिहार गन्ना सेवा योजना 2025” को हरी झंडी दे दी गई है। इस योजना के तहत राज्य के गन्ना किसानों को तकनीकी सहायता, उन्नत किस्म के बीज, प्रशिक्षण और बेहतर विपणन सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी। सरकार का लक्ष्य गन्ना उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में वृद्धि करना है ताकि किसानों की आय दोगुनी हो सके।

बैठक में लिए गए सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक अगले पाँच वर्षों में एक करोड़ रोज़गार सृजन है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह रोज़गार सरकारी, अर्ध-सरकारी, निजी क्षेत्र और स्वरोज़गार के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। कौशल विकास, स्टार्टअप, एमएसएमई और बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ इस लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी बार-बार दोहराते रहे हैं कि युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। अब इसे नीतिगत दिशा भी मिल गई है। श्रम संसाधन विभाग और उद्योग विभाग को इस योजना की निगरानी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
चार डॉक्टर सेवा से बर्खास्त:
मंत्रिमंडल ने सेवा शर्तों के उल्लंघन, अनुपस्थिति और कर्तव्य में लापरवाही के मामलों में कार्रवाई करते हुए चार डॉक्टरों को सरकारी सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, ये सभी डॉक्टर लंबे समय से अनुपस्थित थे और स्पष्टीकरण के बावजूद ड्यूटी पर नहीं लौटे थे।

कैबिनेट के अन्य प्रमुख निर्णय:
- राज्य के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने को हरी झंडी।
- शहरी क्षेत्रों में सड़कों के सुदृढ़ीकरण और स्मार्ट लाइटिंग परियोजना को मंजूरी।
- 500 नए मॉडल स्कूलों की स्थापना के लिए शिक्षा विभाग को धनराशि आवंटन को मंजूरी।
- 10 जिलों में महिला सुरक्षा केंद्र स्थापित करने की योजना पारित।
सरकार का विकास फॉर्मूला साफ:
नीतीश सरकार का फोकस अब ‘रोजगार और विकास’ के नए रोडमैप पर दिखाई दे रहा है। कैबिनेट के फैसले इस बात के संकेत हैं कि सरकार ने 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट कर दी हैं। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इन फैसलों को जमीन पर कैसे लागू करती है और रोजगार सृजन का वादा किस हद तक साकार होता है।

