Samastipur News : समस्तीपुर के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (पूसा) में शनिवार को लीची महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में बिहार के विभिन्न जिलों से आए किसानों ने अपनी – अपनी वैराइटी का प्रदर्शन किया। जिसमें शाही लीची से लेकर चायना, बेदाना, बोंबई, मंदराजी, योगदान आदि वैराइटी शामिल है।

इस दौरान मुख्य अतिथि केंद्र सरकार के हार्टीकल्चर कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार और कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर पी एस पांडेय ने किसानों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों का निरीक्षण किया और किसानों से उसके बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय लीची उत्पादन के क्षेत्र में लगातार रिसर्च कर रही है। जिससे किसानों को फायदा मिल रहा है।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर पी एस पांडेय ने कहा कि लीची की फसल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने को लेकर भी रिसर्च जारी है। उन्होंने कहा कि लीची शहद के उत्पादन से किसानों के लिए अतिरिक्त आय हो रहा है। लीची के बागों में मधुमक्खियों के बक्से रखने से लीची का उत्पादन भी बढ़ता है।


इस कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण किसानों द्वारा उत्पादित लीची से तैयार शहद रहा, जो लीची के फूलों से मधुमक्खियों द्वारा एकत्रित किए गए रस से बनता है। इस शहद को खास बनाता है लीची का स्वाद, जो इसे अन्य शहद से अलग करता है। लीची शहद का उत्पादन न केवल किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत है, बल्कि मधुमक्खियों के माध्यम से लीची के परागण में भी मदद करता है। जिससे लीची का उत्पादन बढ़ता है।



