समस्तीपुर में बायोमेडिकल वेस्ट और कचरा जहां-तहां फेंकने को लेकर अब जिला प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है। इस मामले को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर एस के चौधरी ने नगर निगम क्षेत्र के सभी नर्सिंग होम और लैब संचालकों को सड़क पर बायोमेडिकल वेस्ट या मेडिकल कचरा नहीं फेंकने की सख्त हिदायत दी है। इसका उल्लंघन करने पर उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की जाएगी।
शहर के हर गली, मोहल्ले और चौराहे में निजी अस्पताल और लैब चल रहे हैं। अधिकांश निजी अस्पताल और लैब अवैध रूप से चल रहे हैं, जिनके पास मेडिकल कचरा निष्पादन की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण से वे जहां-तहां सड़क पर ही कचरा फेंक देते हैं, जिससे लोगों के बीच संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसको लेकर अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई का आदेश दिया है।
कहा गया है कि वैसे अस्पताल और लैब जो सड़कों पर कचरा फेंकते हैं, वे पूरी तरह से सावधान हो जाएं। वहीं, इस मामले में अगर किसी भी आम व्यक्ति को कचरा फेंके जाने की सूचना मिलती है, तो वह स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन को इसकी सूचना दे सकते हैं। इसके बाद उक्त नर्सिंग होम, लैब या अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया है कि निजी अस्पतालों और लैबों द्वारा फेंके गए कचरे से बारिश के समय बीमारी फैलने की आशंका सबसे अधिक होती है। शहर में कई जगह जल जमाव हो जाता है, जिससे जल जमाव के कारण लोगों के बीच भयंकर बीमारियाँ हो सकती हैं।