
राम-जानकी मार्ग का निर्माण बिहार सरकार करेगी। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से सोमवार (5 मई) को जारी आदेश में राम-जानकी मार्ग बनाने का जिम्मा पथ निर्माण विभाग को दे दिया गया। पथ निर्माण विभाग पहली बार चार लेन राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करेगा। विभाग के अधीन एनएच डिविजन के माध्यम से इस सड़क का निर्माण होगा। केंद्र सरकार ने अयोध्या से सीतामढ़ी को जोड़ने के लिए फोरलेन सड़क बनाने का निर्णय लिया है।

राम-जानकी मार्ग बिहार में यूपी-बिहार बॉर्डर के समीप मेहरौना घाट से शुरू हो रहा है। सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी से होकर गुजरने वाली यह सड़क नेपाल के समीप भिट्ठा मोड़ तक जाएगी। इस सड़क की चौड़ाई 70 मीटर होगी। सड़क की कुल लंबाई 240 किलोमीटर है। इस सड़क में से अभी मेहरौना से सीवान का टेंडर हो चुका है। इसकी लंबाई 40 किमी है।

इसके निर्माण पर लगभग 1254 करोड़ खर्च होना है। वहीं सीवान से मशरख का टेंडर हो चुका है। इसकी लंबाई 52 किमी है। इसके निर्माण पर लगभग 1351 करोड़ खर्च होने हैं। वहीं मशरख से चकिया, शिवहर, सीतामढ़ी-भिठ्ठामोड़ का एलाइनमेंट तय होना था जिसकी मंजूरी हाल ही में मिली है।

मशरख से चकिया की दूरी 48 किमी है जिसके निर्माण पर 1450 करोड़ खर्च होंगे। वहीं चकिया से शिवहर-सीतामढ़ी-भिठ्ठा मोड़ की दूरी 103 किमी है। इसके निर्माण पर 2100 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। अब केंद्र सरकार ने तय किया है कि इस सड़क का निर्माण बिहार सरकार के माध्यम से ही हो। ऐसे में मेहरौना से सीवान तक जिस सड़क का काम सड़क परिवहन मंत्रालय को करना था, अब पथ निर्माण विभाग करेगा।

वहीं मशरख से भिठ्ठामोड़ तक बनने वाली सड़क के निर्माण का जिम्मा भी पथ निर्माण विभाग को दे दिया गया है। केवल सीवान से मशरख का निर्माण कार्य एनएचएआई के माध्यम से होगा। अधिकारियों के अनुसार इस सड़क को बनाने में 48 सौ करोड़ से अधिक खर्च होंगे। ऐसे में पथ निर्माण विभाग को कार्य एजेंसी के तौर पर कुल परियोजना राशि का तीन फीसदी यानी लगभग 144 करोड़ केंद्र सरकार से मिल जाएंगे। राज्य सरकार इस राशि का उपयोग बिहार के विकासात्मक कार्यों में कर सकेगी।

