Aaj Bihar Ka Mausam: बिहार में अक्टूबर के आखिरी दो दिन मौसम के लिहाज से भारी साबित हो सकते हैं. बंगाल की खाड़ी में जन्मा चक्रवात ‘मोन्था’ अब उत्तर की ओर बढ़ रहा है और अगले 48 घंटे में इसका असर पूरे बिहार पर देखने को मिलेगा. मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश, तेज हवा और वज्रपात की चेतावनी जारी की है. 30 अक्टूबर को जहां सात जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है, वहीं 31 अक्टूबर को पटना समेत पांच जिलों में भीषण वर्षा की संभावना है.
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह चक्रवात मंगलवार सुबह तूफान में बदल गया. आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम और काकीनाडा तटीय इलाकों से टकराने के बाद ‘मोन्था’ उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है और धीरे-धीरे ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड होते हुए बिहार तक पहुंचेगा. जब यह बिहार की सीमा में प्रवेश करेगा, तब यह कमजोर होकर एक ‘लो प्रेशर एरिया’ का रूप ले लेगा, लेकिन इसके प्रभाव से राज्यभर में झमाझम बारिश होगी.

बिहार में चार दिन रहेगा ‘मोन्था’ का असर
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात मोन्था अब कमजोर होकर निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में ओडिशा और छत्तीसगढ़ पार कर बिहार की ओर बढ़ रहा है. मंगलवार रात तक यह बिहार की सीमाओं के करीब पहुंच जाएगा, जिससे राज्य के मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
राज्य के दक्षिणी जिलों जमुई, बांका, मुंगेर और भागलपुर में 30 अक्टूबर को भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिसके लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है. 31 अक्टूबर को पटना, गया, कटिहार, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत कई जिलों में हेवी रेन की चेतावनी दी गई है. इस दौरान हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक रहने की संभावना है.
कैसे बना ‘मोन्था’ तूफान
मोन्था’ नाम थाइलैंड ने दिया है, जिसका अर्थ होता है सुगंधित फूल. इस बार यह ‘सुगंध’ बारिश और तूफान की नमी के साथ बिहार तक पहुंच रही है. बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवात ने न सिर्फ दक्षिण भारत बल्कि झारखंड और पश्चिम बंगाल के जिलों में भी असर दिखाना शुरू कर दिया है.
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने इस चक्रवात ने सोमवार रात को गंभीर तूफान का रूप ले लिया था. मंगलवार को यह आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट से टकराया, जहां 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. इसके प्रभाव से तटीय इलाकों में पेड़ उखड़ गए, बिजली व्यवस्था ठप हो गई और कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं.
किसानों के लिए अलर्ट और सलाह
मौसम विभाग ने किसानों को सतर्क रहने की सलाह दी है. कहा गया है कि खरीफ फसलों की कटाई जल्द पूरी कर लें और तैयार अनाज को सुरक्षित स्थान पर रख दें. खुले खेतों या आंगनों में रखे गेहूं और धान को ढक दें ताकि बारिश से नुकसान न हो.
सब्जी उत्पादक किसानों से कहा गया है कि वे आने वाले तीन-चार दिनों तक सिंचाई से परहेज करें, ताकि अतिरिक्त पानी से फसलों की जड़ें सड़ने से बच सकें. जिन इलाकों में जलभराव का खतरा है, वहां नालों और ड्रेनेज की सफाई पहले से करा लें ताकि फसलें और घर दोनों बच सकें.
जनता के लिए सावधानी
बारिश और तेज हवाओं के दौरान खुले मैदान, पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों के पास खड़ा होना खतरनाक साबित हो सकता है. मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि बिजली गिरने या तूफान के समय घर के अंदर रहें और मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सीमित प्रयोग करें.
साथ ही निचले इलाकों में जलजमाव की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने राहत दलों को अलर्ट पर रखा है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष और जिलास्तर के कंट्रोल रूम को सक्रिय किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके.
बारिश के बाद ठंड का एहसास
आइएमडी के मुताबिक, 30 से 31 अक्टूबर के बीच होने वाली बारिश के बाद बिहार के मौसम में ठंडक घुलने लगेगी. अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री तक की गिरावट आ सकती है. मानसून के लौट जाने के बाद यह पहली बार है जब राज्य में इतनी व्यापक बारिश दर्ज की जाएगी. अब तक राज्य में 128 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है.
इस बारिश के बाद नवंबर की शुरुआत ठंडी हवाओं के साथ हो सकती है. सुबह और शाम के तापमान में गिरावट आएगी, जिससे हल्की ठंड का एहसास होगा.


