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Bihar Weather : बिहार में अगले 24 घंटों में मेघगर्जन के साथ 18 जिलों में होगी झमाझम बारिश, अलर्ट जारी.

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By Samastipur Today Desk


Bihar Weather : बिहार में अगले 24 घंटों में मेघगर्जन के साथ 18 जिलों में होगी झमाझम बारिश, अलर्ट जारी.

 

Bihar Weather : बिहार में भीषण गर्मी से लोगों की बेचैनी बढ़ गई है. सूरज की तीखी तपिश ने लोगों को बेहाल कर दिया है। लोग दिन निकलते ही तेज धूप का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। लेकिन अगले 24 घंटे के अंदर लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि बिहार मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के अंदर वज्रपात के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है।

 

मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे के अंदर राज्य के 18 जिलों में बारिश होगी. वहीं, कुछ जगहों पर वज्रपात के साथ आंधी आने की भी संभावना है। बिहार मौसम सेवा केंद्र ने इसको लेकर अलर्ट जारी किया है। बिहार मौसम सेवा केंद्र के अनुसार बांका, बेगूसराय, भागलपुर, कटिहार, खगड़िया, लखीसराय, मुंगेर, पटना, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, समस्तीपुर, अररिया, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल और शिवहर जिले में बारिश और वज्रपात के साथ बिजली गिरने की संभावना है।

बिहार मौसम सेवा केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटे में राज्य के करीब 18 जिलों में बारिश होने की संभावना है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार बिहार में मानसून के प्रवेश की तिथि 13 से 15 जून है। 12 जून को कई जगहों पर बारिश की संभावना है। इस बार मानसून की बारिश सामान्य से अधिक होगी. मौसम विभाग ने मानसून में बारिश का अनुमान जताया है।

बताया गया है कि बिहार में मानसून की बारिश सामान्य से 11 फीसदी अधिक होगी। अगर सामान्य से अधिक बारिश हुई तो 2021 के बाद राज्य में सामान्य से अधिक बारिश होगी. मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार पिछले साल मानसून पांच दिन देरी से 20 जून को राज्य में पहुंचा था।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार 2025 में बिहार में मानसून की बारिश सामान्य से कम हो सकती है। यह लगातार चौथा साल होगा जब राज्य में औसत से कम बारिश होगी। 10 दिनों के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 15 जून से 66% बारिश की संभावना है, लेकिन किसानों को दीर्घकालिक राहत के लिए वैकल्पिक उपाय करने होंगे।

ऐसे में रोहतास में भी कम बारिश की संभावना है। ऐसी स्थिति में धान और अन्य वर्षा पर निर्भर फसलें प्रभावित हो सकती हैं। पानी की कमी से पैदावार प्रभावित हो सकती है। इसके फायदे में कम बारिश और कम कीट और रोग का प्रकोप शामिल है। लेकिन इसका लाभ तभी मिलेगा जब सिंचाई की समुचित व्यवस्था होगी।