नई तबादला नीति से फायदा

● नियुक्ति के बाद पांच साल तक शिक्षक एकाग्र होकर स्कूल में कार्य करेंगे

● सभी के लिए एक समान तबादला नियम होगा

● बीमार और विशेष परिस्थिति वाले शिक्षकों के तबादला में अचड़न नहीं होगी

● दो बार तबादला के लिए आवेदन कर सकेंगे

● जून और दिसंबर में तबादला होगा
● स्कूलों में पढ़ाई बाधित नहीं होगी
नियुक्ति की तिथि से पांच साल तक बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का तबादला नहीं होगा। इस अवधि के पहले असाध्य और गंभीर बीमारी जैसी विशेष परिस्थिति में ही ट्रांसफर हो सकेगा। शिक्षा विभाग राज्य के करीब 6 लाख स्कूली शिक्षकों के तबादले को लेकर नई नियमावली तैयार कर रहा है। इसमें तबादले को लेकर स्पष्ट प्रावधान किये जा रहे हैं।
नई तबादला नियमावली के प्रारूप को अंतिम रूप दिया जा रहा है। जल्द ही इसे कैबिनेट से मंजूरी लेकर लागू किया जाएगा। नई नियमावली लागू होने पर जिला स्तरीय शिक्षकों का तबादला जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय कमेटी करेगी। इस कमेटी में उप विकास आयुक्त, एडीएम स्तर के एक अधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी होंगे। प्रधानाध्यापक सहित प्रमंडल स्तर के शिक्षकों के तबादले को प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी बनेगी।
इसमें क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (आरडीडीई) सहित प्रमंडल स्तर के अधिकारी होंगे। कमेटी की अनुशंसा के आधार पर शिक्षकों का तबादला होगा। विशेष परिस्थिति में इस आकलन के आधार पर भी शिक्षकों का तबादला पांच साल के पहले हो सकेगा, जब एक स्कूल में सृजित पद की तुलना में अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं, जबकि दूसरे स्कूलों में शिक्षकों की कमी है।
तबादला की पूरी प्रक्रिया ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से होगी। तबादला चाहने वाले शिक्षक ई शिक्षा कोर्ष पोर्टल के माध्यम से साल में दो बार मई और नवंबर में आवेदन कर सकेंगे। अभी राज्य में विभिन्न कोटि के शिक्षकों के तबादला के लिए स्पष्ट नियमावली नहीं है।

इसलिए विभाग सभी कोटियों के शिक्षकों, मसलन पुराने शिक्षक, विशिष्ठ शिक्षक, विद्यालय अध्यापक, प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षकों के लिए समेकित तबादला नियमावली बना रहा है। 2006 से राज्य में नियोजित शिक्षकों की बहाली के बाद से ही शिक्षकों के तबादला को स्पष्ट नियमावली नहीं तय हो सकी है। विभाग द्वारा अलग-अलग नियमावली बनायी भी गई थी, लेकिन लागू नहीं हो सकी। पिछले एक साल से शिक्षकों के तबादला के लिए कई निर्णय और आदेश निकलते रहे हैं। हाल में एक लाख शिक्षकों का तबादला अलग-अलग आधार पर किया गया। इसमें बीमारी, दूरी, ऐच्छिक, परस्पर आदि श्रेणियों में तबादले हुए हैं।

