उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार, इस वर्ष के अंत तक बिहार में 10 CBG (काम्पेक्ट बायोगैस) संयंत्रों की स्थापना का लक्ष्य है। इसमें 1500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इन संयंत्रों के माध्यम से प्रति वर्ष पांच लाख टन बायोमास CBG का उत्पादन होने की आशा है।

बिहार बायोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति-2025 को लागू करने हेतु आयोजित बिहार बायोफ्यूल संवाद कार्यक्रम में सम्राट ने कहा कि एनडीए सरकार हरित ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार, सहयोग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने 2025 तक CBG उत्पादन के लिए 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें बिहार को प्रमुख लाभार्थी राज्य के रूप में देखा जा रहा है।

15 लाख से अधिक घरों को मिलेगी क्लीन एनर्जी
भारत सरकार ने भारत बायोगैस नेटवर्क की स्थापना की, जिसमें बिहार को जोड़ते हुए CBG नेटवर्क विस्तार के लिए सहयोग किया जा रहा है। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सम्राट ने कहा कि 2025 तक बिहार में 50 लाख CBG कनेक्शनों का विस्तार किया जाएगा, जिससे राज्य में 15 लाख से अधिक घरों को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि बिहार में CBG संयंत्रों के संचालन से 50 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। इसमें संयंत्रों के संचालन, रखरखाव और बायोमास संग्रहण से जुड़े लोग सम्मिलित होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 2023 में बायोफ्यूल नीति को स्वीकृति दी, जिसमें CBG उत्पादन और वितरण को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष पहल की गई है।

प्लांट लगाने पर 15 प्रतिशत सब्सिडी देगी सरकार
इस नीति के अंतर्गत चयनित इकाई को प्लांट और मशीनरी की लागत का 15 प्रतिशत तक सब्सिडी मिल सकती है, जो अधिकतम पांच करोड़ रुपये हो सकती है। एससी/एसटी और ईबीसी वर्ग की महिला, दिव्यांग, एसिड अटैक पीड़ित और थर्ड जेंडर के उद्यमियों को प्लांट एवं मशीनरी की लागत का 15.75 प्रतिशत और अधिकतम 5.25 करोड़ रुपये दिया जाएगा।

राज्य की कंप्रेस्ड बायोगैस नीति का उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों का पता लगाने के लिए निवेशकों और नीति निर्माताओं को एक साथ जोड़ना है।
23968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य
सम्राट ने बताया कि बिहार वर्ष 2070 तक देश के शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला प्रदेश होने जा रहा है। इसके लिए पांच वर्षों में 23 हजार 968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है। राज्य में सौर, वायु और बायोमास से अक्षय ऊर्जा बनाने की योजना के अंतर्गत सर्वाधिक 18 हजार 448 मेगावाट बिजली सौर परियोजनाओं से उत्पादित होगी।

देश की चार बड़ी कंपनियों एलएंडटी, एनटीपीसी, अवाडा ग्रुप और सोलर एनर्जी कारपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के साथ दो हजार 357 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पांच हजार 337 करोड़ रुपये का समझौता हो चुका है। राज्य सरकार खेती के लिए अलग से एग्री वोल्टिक, वायु ऊर्जा, कचरे से बिजली और बायोमास परियोजनाओं पर भी कार्य कर रही है।

