बिहार में विश्वविद्यालयों और शिक्षा विभाग के बीच चल रहा गतिरोध बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में समाप्त हो गया। बैठक में राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, कुलाधिपति, के नेतृत्व में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ की उपस्थिति में सम्पन्न हुई।
वित्तीय निर्णय और भविष्य की योजना
बैठक में अगले दो दिनों में चार महीने के वेतन और पेंशन की राशि जारी करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए राहत भरा समाचार है जिन्हें वेतन-पेंशन की प्रतीक्षा थी। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विश्वविद्यालयों के बजट की स्वीकृति पर भी सहमति बनी, जिसकी राशि करीब 4500 करोड़ रुपये है।
समस्याओं पर चर्चा और त्वरित समाधान
विश्वविद्यालयों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई और कुलाधिपति द्वारा दिए गए निर्देशों का त्वरित अनुपालन करने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालयों को वित्तीय अनुशासन का पालन करने और परीक्षा व्यवस्था को सुचारू रखने के निर्देश दिए गए।
गतिरोध के मूल कारण
फरवरी के बाद से वेतन-पेंशन जारी न होने के कारण उत्पन्न हुई समस्या के कारण विश्वविद्यालयों में कार्य संचालन प्रभावित हो रहा था। पहले तीन माह में छह बार बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कुलपति नहीं पहुंचे थे। विश्वविद्यालयों के खाते में जमा राज्य सरकार का पैसा भी सरेंडर करने का निर्देश दिया गया।
इस उच्चस्तरीय बैठक से शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों के बीच सामंजस्य बढ़ा है, जिससे आगामी दिनों में शिक्षण संस्थानों में सकारात्मक परिवर्तन आने की उम्मीद है।