समस्तीपुर में बिजली उपभोक्ताओं ने शुक्रवार को अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उनकी प्रमुख मांगें हैं—प्रीपेड स्मार्ट मीटर को रोकना, लोड शुल्क और जुर्माना समाप्त करना, और झारखंड की तरह बिहार में भी 200 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा प्रदान करना। भाकपा माले और आरवाईए के नेतृत्व में यह आंदोलन किया गया।
शहर के ताजपुर फलमंडी से निकला यह जुलूस पूरे बाजार क्षेत्र में घूमते हुए वापस फलमंडी पहुंचा, जहाँ एक सभा का आयोजन हुआ। उपभोक्ता नारों के माध्यम से अपनी मांगें स्पष्ट कर रहे थे, जैसे “प्रीपेड मीटर की लूट बंद करो,” “लोड जुर्माना खत्म करो,” और “गरीब राज्य में महंगी बिजली क्यों?” सभा को संबोधित करते हुए विद्युत सुधार संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं को प्रीपेड मीटर के चलते अधिक बिल का सामना करना पड़ रहा है। पहले जिनका बिल 250-300 रुपये आता था, अब वही बिल 500 रुपये से अधिक हो गया है। यह जनता की मेहनत की कमाई पर सीधा हमला है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रीपेड मीटर की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर तब जब सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के आवासों में इन मीटरों का उपयोग नहीं किया जा रहा। इसके अलावा, मीटर शुल्क और लोड जुर्माना जैसी अतिरिक्त शुल्कों से उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रीपेड मीटर कंपनियों द्वारा अधिकारियों को महंगे तोहफे दिए जा रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार के संकेत मिलते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उपभोक्ताओं का पैसा इन तोहफों और महंगे रिजॉर्ट्स पर खर्च हो रहा है?