समस्तीपुर जिला निबंधन कार्यालय में चल रहे रिकार्ड रूम भवन निर्माण ने एक नई प्रशासनिक हलचल को जन्म दे दिया है। जहां एक ओर सरकारी रिकॉर्ड के संरक्षण के लिए आधुनिक भवन का निर्माण हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इस कार्य ने वहां वर्षों से काम कर रहे कातिबों, स्टाम्प वेंडरों और दुकानदारों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा कर दिया है।

रिकॉर्ड रूम के निर्माण के लिए समस्तीपुर निबंधन कार्यालय परिसर में जारी किए गए नोटिस ने वहां मौजूद कातिबों, स्टाम्प वेंडरों और अन्य व्यवसायियों को तुरंत अपना स्थान खाली करने का निर्देश दिया है। यह नोटिस अवर निबंधक अमित कुमार मंडल द्वारा जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित समय पर स्थान खाली नहीं किया गया, तो यह सरकारी कार्य में बाधा समझा जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिला अवर निबंधक के अनुसार, पुराने भवन को ध्वस्त कर नई संरचना बनाई जा रही है, जिसके लिए चारों ओर बाउंड्रीवाल भी खींची जा रही है। इस निर्माण क्षेत्र में पहले से मौजूद कई गुमती, काउंटर और दुकानें नई बाउंड्री के भीतर आ गई हैं, जिन्हें हटाना आवश्यक है।


हालांकि, कातिबों और स्टाम्प वेंडरों ने प्रशासन के इस कदम पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि वे सभी विधिवत निबंधित कातिब हैं और वर्षों से यहीं से दस्तावेज लेखन का कार्य कर रहे हैं। “अगर हमें यहां से हटाया जा रहा है, तो प्रशासन को यह भी बताना चाहिए कि हम अब कहां बैठेंगे और अपना काम कैसे करेंगे,” एक वरिष्ठ कातिब ने सवाल उठाया।

इस मुद्दे को लेकर कातिबों और वेंडरों ने एक आपात बैठक बुलाने की बात कही है, जिसमें वे आगे की रणनीति तय करेंगे। उनका मानना है कि निर्माण कार्य के साथ-साथ उनकी आजीविका की सुरक्षा भी प्रशासन की जिम्मेदारी है।
